महाशिवरात्रि विशेष: शिव की नगरी काशी में सैकड़ो महिलाओं ने अनोखे अंदाज में किया शिव तांडव स्रोत का पाठ
वाराणसी। बीते दिन पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जिस दौरान महिलाओं के सम्मान तथा उनकी उब्लाब्धियों को दर्शाने के लिए तमाम तरह के छोटे बड़े कार्यक्रम आदि आयोजित किये गए थे। इसी सिलसिले में महिला दिवस के उपलक्ष्य में 8 मार्च को वाराणसी के अस्सी घाट पर देश भर से 1000 नारी शक्ति की जुटान देखने को मिली। 16 राज्यों से आई यह 1000 महिलाएं अस्सी घाट पर नारी शक्ति का प्रदर्शन शिव तांडव स्त्रोत के लयबद्ध गायन के साथ दिया। यह आयोजन मुंबई की संस्था फाउंडेशन फॉर हॉलिस्टिक डेवलपमेंट इन एकेडमिक फील्ड की ओर से किया गया था, जिसमें 1000 महिलाओं ने एक साथ हाथों में जलता हुआ दीपक लेकर शिव तांडव स्त्रोत का गायन कर किया। महाशिवरात्रि से पहले यह वाकई एक बहुत ही अद्भूत नजारा था। सभी महिलाएं लाल रंग के परिधान से सजी हुई थी। सूर्य के ढलते ही अस्सी घाट का वातावरण धर्म और अध्यात्म से एकाकार होता नजर आया। जब गंगा और शिव आरती के लिए दीये जल उठे और शिव स्तुति का आयोजन शुरू हुआ।
महाशिवरात्रि से पहले काशी में दिखा मनमोहक दृश्य
महाशिवरात्रि से पहले भोलेनाथ की नगरी काशी में ‘शिव तांडव’ की गूँज ने पूरे काशी को शिवमय कर दिया और हर तरफ इस आयोजन के स्वर गूंजते हुए नजर आए। हर हर महादेव का उद्घोष और बाबा की आस्था में शिव तांडव का यह अद्भुत और अनोखा आयोजन काशी के लिए किसी अनूठे उत्सव से कम नहीं था। शिव तांडव स्त्रोत के पाठ के साथ ही घाटों पर गंगा आरती का भी आयोजन शुरू हुआ। पूरा अस्सी घाट दीयों की रोशनी से नहाया नजर आने लगा। जैसे-जैसे शाम होने लगी आयोजन में शामिल होने के लिए लोगों की झुंड भी घाट पर नजर आने लगी।
आपको बता दें कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में जून महीने में महाराष्ट्र के पुणे से माधुरी सहस्त्रबुद्धे ने इसकी शुरुआत की थी, जिसका समापन शिव की नगरी काशी के अस्सी घाट पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन गंगा तट पर संध्या बेला में हजारों की संख्या में महिलाओं द्वारा शिव तांडव स्रोत के साथ समाप्त हुआ। फाउंडेशन ऑफ होलिस्टिक डेवलपमेंट के तत्वावधान में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड की हजारों महिलाएं इससे जुड़ी। इस दौरान विदेश के विभिन्न भागों से लगभग 200 लोग भी ऑनलाइन एलईडी स्क्रीन से इस कार्यक्रम से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे।