Varanasi

महाशिवरात्रि पर काशीवासियों को तोहफा, अब बाबा दर्शन के साथ देख सकेंगे विश्वनाथ कॉरिडोर भी

देवों के देव महादेव के दर्शन के लिए उनके भक्त हमेशा ही तैयार रहते हैं और जब कोई विशेष दिन हो तो भगवान शिव के मंदिर की छटा देखते ही बनती हैं और वैसे भी भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार महाशिवरात्रि का होता हैं इस वर्ष महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज 11 मार्च के दिन हैं। इस वर्ष की महाशिवरात्रि शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास होने वाली हैं, इसके पीछे एक तो ये वजह हैं कि महाशिवरात्रि की तिथि पर अति दुर्लभ संयोग बन रहा हैं। इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नए उभरते हुए स्वरूप को देख पाएंगे।

भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था है विश्वनाथ कॉरिडोर में

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Kashi Vishwanath

विश्वनाथ मंदिर के प्रबंधन को महाशिवरात्रि पर होने वाली भारी भीड़ का पहले से ही अनुमान हैं और इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने काफी तैयारी कर ली हैं, जो भी शिवभक्त विश्वनाथ बाबा के दर्शन के लिए मैदागिन की तरफ से आएंगे वो लोग पांचों पंडवा से होते हुए गर्भगृह तक पहुचेंगे तो दूसरी तरफ जो भी भक्त गोदौलिया से बाबा विश्वनाथ की तरफ आएंगे उन्हें बांसफाटक से होकर ढुंढिराज गणेशजी के मंदिर होते हुए दर्शन के लिए जाना होगा।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देश-विदेश से जुटने वाले भक्तों को ये दिखाने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर का भव्य निर्माण किस प्रकार हो रहा हैं और आने वाले समय में ये किस तरह का दिखाई देगा, मंदिर से निकासी विश्वनाथ मंदिर के निर्माणाधीन कॉरिडोर के अलग-अलग निकासी द्वार द्वारा करवाई जाएगी।

कोरोना काल के बाद पहली बार भक्त जुटेंगे

ये तो सब जानते हैं कि पिछले वर्ष कोरोना की वजह से मंदिर में भक्तों के आने की मनाही थी, यहां तक कि सावन में भी भोले के भक्त भोलेनाथ के दर्शन नहीं कर पाए थे तो ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन काशी विश्वनाथ में भक्तों की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद हैं। जो भी भक्त मैदागिन से आएंगे उनकी वापसी मणिकर्णिका की तरफ जाने वाले गली से करवाई जायेगी जबकि गोदौलिया की तरफ से आने वाले सभी भक्तों को विशालाक्षी मंदिर की तरफ से निकाला जाएगा।

नहीं कर पाएंगे गर्भगृह में प्रवेश

कोरोना महामारी और भक्तों की भीड़ होने की वजह से भक्तों को मंदिर में मौजूद किसी भी चीज को छूने की मनाही रहेगी, इसलिए भक्तों को मंदिर में मौजूद गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं मिलेगी और बाबा विश्वनाथ के दर्शन केवल झांकी से ही होंगे। जिन भी भक्तों को बाबा पर जल और दूध अर्पण करना हैं उनके लिए गर्भगृह के सभी द्वारों पर पीतल के विशाल बर्तन रखे गए हैं और उनके नीचे तांबे की प्लेट हैं जिससे जल और दूध सीधे गर्भगृह तक पहुंच जाएगा।

भक्तों की सुरक्षा के लिए चाक चौबंद हैं सुरक्षा इंतजाम

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Vishwanath Corridor

महाशिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद हैं इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर इंतज़ाम पूरे चाक चौबंद हैं, काशी शहर में महाशिवरात्रि के दिन सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की 10 कंपनियां तैनात रहेंगी, इनके अलावा दशाश्वमेध, गोदौलिया, मैदागिन और चौक क्षेत्र में 25 डिप्टी एसपी, 415 दरोगा-इंस्पेक्टर, 1250 सिपाही और हेड कांस्टेबल भी मौजूद रहेंगे। लगभग 200 पुरुष और महिला पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में भक्तों के बीच रहेंगे।

देखने को मिलेगी निर्माणाधीन विश्वनाथ कॉरिडोर की झलक

इस महाशिवरात्रि पर भक्तों को निर्माणाधीन विश्वनाथ बाबा के कॉरिडोर की झलक देखने को मिलेगी और उन्हें इस बात का भी एहसास हो जाएगा कि आने वाले समय में काशी विश्वनाथ धाम कितना भव्य और शानदार दिखाई देगा। इसके अलावा भक्त ये भी देख पाएंगे कि कॉरिडोर में किस तरह 24 भवन और लाल पत्थरों को किस प्रकार तैयार किया जा रहा हैं, विश्वनाथ मंदिर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट हैं।