सुबह उठते ही 3 बार बोल दें रामायण की यह चौपाई, मुँह से निकलते ही इच्छा हो जाएगी पूरी
हिन्दू धर्म में रामायण और महाभारत को बहुत ही उच्च स्थान प्राप्त हैं, यह हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए पवित्र ग्रंथ हैं| जैसा की आप जानते हैं, रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की हैं और इस ग्रंथ में भगवान श्री राम के चरित्र को बड़े ही अच्छे ढंग से दर्शाया गया हैं| इसके अलावा तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की हैं| रामायण मे बहुत सारे चौपाइयों का वर्णन किया गया हैं और इन्हें पढ़ने मात्र से ही आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो सकता हैं| इसके अलावा रामायण में सभी समस्याओं के समाधान के बारे में भी बताया गया हैं, बस जरूरत हैं इन्हें ठीक तरह से पढ़ने की, ऐसे में आज हम आपको रामायण की यह चौपाई के बारे में बताने जा रहे हैं| जिसके बोलने मात्र से आपकी सभी समस्याओं का समाधान होगा और आप अपना जीवन सुखी-पूर्वक बिता सकते हैं|
रामायण की यह चौपाई बोलने मात्रा से होगी हर इच्छा पूरी
रामायण में बहुत सारे चौपाइयों का वर्णन किया गया हैं लेकिन आप ‘जो प्रभु दीनदयाल कहावा| आरति हरन बेद जस गाबा|| जपहिं नामू जन आरत भारी| मिटहिं कुंसकट होहिं सुखारी|| दीनदयाल बिरद संभारी| हरहु नाथ मम संकट भारी’ का जाप सुबह उठते ही और शाम को सोने से पहले करे| इस मंत्र के जाप से ही आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी|
आप इस मंत्र का जाप जहां भी करे, वह जगह साफ-सुथरा होना चाहिए| इस चौपाई के रोजाना जाप से आपकी सभी इच्छाएँ जल्द ही पूरी हो जाएगी और अपने सभी कार्यों को बड़ी आसानी से कर लेंगे| इस चौपाई का जाप करने बाद प्रतिदिन भगवान राम जी की एक माला अवश्य जाप करे क्योंकि भगवान श्री राम हनुमान के पूज्य हैं|
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इस चौपाई का जाप आप पूरी श्रद्धा और विश्वास से करे क्योंकि जब आपके मन विश्वास होगा तभी आपके सभी कार्य पूरे होंगे, बिना श्रद्धा भाव के कोई भी मंत्र या उपाय कारगर नहीं होते हैं| इसलिए आपको धर्म पर पूरी आस्था होनी चाहिए| धर्म ही एक मात्रा ऐसा मार्ग हैं जहां पर हमे सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती हैं| इसलिए पूरी श्रद्धा के साथ इस चौपाई का जाप कर अपने जीवन के सभी समस्याओं को दूर करे|