786 और ॐ से जुड़ा अनसुना रहस्य, एक बार आपको जरुर पढ़ लेना चाहिए
Youthtrend Religion Desk : दुनिया में बहुत से धर्म हैं और उनको मानने वाले अपने-अपने धर्म की विशेषताएं बताते हैं और जानते हैं, वैसे भी कहा जाता हैं कि कोई भी धर्म किसी भी धर्म से छोटा या बड़ा नहीं होता बल्कि सब धर्म एक समान होते हैं। खैर वैसे भी किसी ने सही ही कहा हैं अलग-अलग धर्मो को मानने वाले अलग हो सकते हैं उनकी पूजा करने का तरीका अलग हो सकता हैं लेकिन भगवान तो सिर्फ एक ही हैं भले ही हम उसे अलग-अलग नाम से पुकारते हैं। जिस प्रकार हिंदू धर्म में ॐ शब्द को काफी पवित्र माना जाता हैं उसी प्रकार मुस्लिम धर्म में 786 के अंक को काफी पाक यानी पवित्र माना जाता हैं क्या आप जानते हैं ॐ और 786 आपसे में कई तरीकों से जुड़े हुए हैं, आइये आज के इस लेख में जानते हैं इस बारें में।
हिंदू धर्म में ॐ बहुत ही पवित्र
हिंदू धर्म में ॐ के शब्द को सबसे पवित्र माना जाता हैं, ये मान्यता हैं कि अगर कोई दिल में सच्चे मन से ॐ का नाम ले लें तो उसके सभी दुखों का नाश हो जाता हैं, इसके अलावा ॐ के उच्चारण से व्यक्ति को मन की शांति मिलती हैं शास्त्रों में किसी भी शुभकार्य या पूजा से पहले ॐ का उच्चारण करना बताया गया हैं जिससे कि जातक को उस पूजा का लाभ मिल सकें।
मुस्लिमों के लिए 786 है बेहद पवित्र
मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग 786 के अंक को बहुत ही पवित्र मानते हैं, इस अंक को इस धर्म को मानने वाले अनुयायी खुदा का वरदान मांगता हैं, अपने हर कार्य में 786 नंबर को रखते हैं कहा जाता हैं कि ऐसी कोई भी चीज जिसमें 786 का अंक होता हैं उसे बहुत ही पाक माना जाता हैं।
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सब धर्मों की उत्पत्ति हुई हैं हिंदू धर्म से
अगर आप सभी धर्म ग्रंथो के बारें में पड़ेंगे और उनका निष्कर्ष निकालेंगे तो यही सामने आएगा कि हर धर्म हिंदू धर्म में से ही निकला हैं और पूरी सृष्टि में एक ही परम पिता परमेश्वर हैं और वो हैं शिवशंकर।
ॐ और 786 में क्या हैं संबंध
जब भी आप कही भी शिवजी के दर्शन करेंगे तो आपको शिवजी के साथ हमेशा उनके त्रिशूल के भी दर्शन होते हैं, मुस्लिम समुदाय के लोग जब भी हज यात्रा पर जाते हैं तो काबा में पवित्र शिवलिंग की पूजा करते हैं, क्या आप जानतें हैं कि उर्दू भाषा में ज्यादा शब्द ॐ या शिवजी के त्रिशूल के आकार में लिखे जाते हैं। ये भी कहा जाता हैं कि 786 अंक का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी हैं वो अपनी बांसुरी के 7 छिद्रों पर अपने दोनों हाथों की तीन-तीन उंगलियां मिलाकर 6 उंगलियों से बांसुरी बजाकर लोगों को अपना दीवाना बना लेते थे और वो देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान थे।
786 के अंक को अगर ध्यान से देखा जाए तो ये संस्कृत भाषा में लिखा ॐ दिखाई देगा, सुबह के समय लंबी सांस भरकर ॐ बोलने से शरीर को ताजी हवा मिलती हैं और मन को शांति मिलती हैं उसी प्रकार से खड़े होने के बाद 786 बोलने से भी मन में शांति मिलती हैं।