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Unique Villages : भारत के अनोखे 12 गांव जहाँ कड़ी धूप के बावजूद नहीं दिखता सूरज, रहता है शाम जैसा नजारा

Unique Villages Of India : भारत (India) में कई ऐसे अजीबोगरीब शहर (City) और चमत्कारी मंदिर है जिनके बार में आपने सुना और देखा होगा। लेकिन आज हम आपको ऐसे शहर है के बारे में बताने जा रहे है, जिसे सुनकर आप दंग (Shocked) रह जाएंगे। वैसे तो आपने पौराणिक कथाओं में स्वर्ग लोक और पाताल लोक (Patallok) के बारे में सुना ही होगा। ऐसा कहा जाता है कि स्वर्ग लोक में देवता निवास करते हैं और पाताल लोक में राक्षस (Devil) और मनुष्य (Human) धरती लोक पर रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी अनोखी जगह है जिसे पाताल लोक कहा गया है और यही नहीं इस जगह पर भी मनुष्य रहते हैं और अपना जीवन-यापन करते हैं। इतना ही नहीं यहां पर 3 गांव (Village) तो ऐसे हैं जहां सूर्य (Sun) की किरणें भी नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में यहां कड़ी धूप के बावजूद शाम जैसा लगता है। कहा जाता है कि इन गांवों में पहुंचना आसान नहीं है। तो चलिए जानते है इस अनोखी जगह (Unique Villages) के बारे में…

Unique Villages: कहाँ हैं ये अनोखे गाँव

Unique Villages

मध्य प्रदेश (MP) के छिंदवाड़ा जिले से करीब 78 किलोमीटर दूर स्थित जगह को पातालकोट (Patalkot) के नाम से जाना जाता है। यहां 12 गांवों का समूह है जो सतपुड़ा की पहाड़ियों में है। यहां भूरिया जनजाति के लोग रहते हैं। इन्ही 12 गांवों (Unique Villages) में 3 गांव ऐसे हैं जहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में यहां कड़ी धूप होने के बावजूद शाम जैसा नजारा लगता है क्योंकि ये गांव धरातल से लगभग 3000 फुट नीचे बसे हुए हैं। कहा जाता है कि इन गांवों में पहुंचना आसान नहीं है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ये वही जगह है जहां माता सीता (Goddess Sita) धरती में समा गई थीं, हालांकि कुछ लोगों का ये भी मानना है कि जब राक्षस अहिरावण भगवान श्रीराम (Lord Sri Ram) और प्रभु लक्ष्मण (Lord Laxman) को उठा कर पाताल (Patal) ले गया था तो भगवान हनुमान (Lord Hanuman) उन्हें बचाने के लिए यहीं से पाताल में गए थे।

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Unique Villages : 3000 फुट नीचे बसे हैं ये गांव

बता दें कि पातालकोट के गांवों में दिन के समय में कड़ी धूप के बावजूद शाम जैसा लगता है क्योंकि यहां सीधी धूप नहीं आती है क्योंकि पातालकोट के गांव धरातल से लगभग 3 हजार फुट नीचे बसे हुए हैं, हालांकि कुछ साल पहले ही लोग घाटी के गहरे हिस्से से निकलकर पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में आकर बसे।

बाहरी दुनिया से नहीं है यहां के लोगों का वास्ता!

Patallok 2

गौरतलब है कि पातालकोट के इन 12 गांव में रहने वाले लोग बाहरी दुनिया से ज्यादा वास्ता नहीं रखते हैं। ज्यादातर खाने-पीने की चीजें ये अपने गांव में ही उगा लेते हैं। कहा जाता है कि ये केवल नमक खरीदने गांव से बाहर आते हैं। पहले ये गांव पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कटे हुए थे। हाल ही में पालातकोट के कुछ गांवों को सड़क से जोड़ने का काम पूरा हुआ।

इन गांवों में है औषधियों का खजाना

बता दें कि जहां ये 12 गांव (Unique Villages) बसे हैं उस जगह का नाम पातालकोट (Patalkot) है. पातालकोट, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में है। पातालकोट सतपुड़ा की पहाड़ियों में है। आपको यह भी बता दें कि पातालकोट को औषधियों का खजाना भी कहां जाता है, यहां भूरिया जनजाति के लोग रहते हैं और ज्यादातर लोग यहां पक्के या मिटटी वाले माकन की बजे झोपड़ी में रहते हैं।

यहां के लोगों को छू तक ना पाया था कोरोना

Patallok 3

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Covid-19) ने कहर मचाया था, लेकिन कोरोना पातालकोट के लोगों को छू तक नहीं पाया। यहां कोरोना का एक भी केस (Case) नहीं मिला था। ऐसा शायद इसलिए हुआ क्योंकि इस अनोखे गाँव (Unique Villages) में रहने वाले लोगों को संपर्क बाहरी दुनिया से कम है।

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