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Vijay Vardhan Success Story: 35 बार असफल होने पर भी नहीं मानी हार, इस तरह लिखी सफलता की मिसाल

Inspirational Story | सफलता पाने के लिए कई संघर्ष करने पड़ते हैं पर कई बार पूरे मन से की गई मेहनत के बाद भी लोग सफल नहीं हो पाते और टूट जाते हैं, संघर्ष करना बंद कर देते हैं। पर असल में अपनी असफलताओं को अपनी ताकत बना लेना ही एक सफल व्यक्ति की पहचान है और दुनिया में बहुत कम लोग होते हैं जिनमें ये कर दिखने का जज्बा होता है। एक ऐसी ही शख्शियत है हरियाणा के सिरसा जिले के विजय वर्धन। Vijay Vardhan जिन्होंने लगातार 35 सरकारी नौकरियों की परीक्षा में असफल होने की बाद UPSC सिविल सेवा 2018 की परीक्षा में कड़ी मेहनत कर 104वी रैंक हासिल की। आइये जानें इन होनहार आईपीएस अधिकारी की कहानी।

Vijay Vardhan का जीवन

विजय मूल रूप से हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले हैं, विजय की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा यहीं से हुई है। इसके बाद हायर स्टडीज़ के लिये विजय हिसार चले गए। यहां से उन्होंने साल 2013 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की फिर विजय ने इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की और सिविल सर्विसेस में जाने का मन बनाया‌। इसके लिये सही मार्गदर्शन पाने के लिये उन्होंने दिल्ली का रुख किया जहां से उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिये कोचिंग ली।

ऑप्शन के रूप में दी अन्य परीक्षाएं

Vijay Vardhan Success Story

यूपीएससी की परीक्षा देने वाले ज्यादातर कैंडिडेट्स का मत होता है कि नौकरी का दूसरा विकल्प भी तैयार रखें। चूंकि इस परीक्षा में सफल होना अत्यंत कठिन माना जाता है तो वे दूसरे विकल्पों पर भी नजर रखते हैं। विजय (Vijay Vardhan) ने भी यूपीएससी के अलावा ऐ और बी ग्रेड लेवल की 30 अलग – अलग सरकारी नौकरियों के लिये आवेदन किया। जैसे हरियाणा पीसीएस, यूपी पीसीएस, एसएससी सीजीएल आदि पर दुर्भाग्यवश किसी भी परीक्षा में उनका चयन नहीं हुआ। इस बात से विजय दुखी तो हुए पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

ऐसे हुई सिविल सर्विसेज एग्जाम देने की शुरुआत

विजय का मुख्य ध्यान यूपीएससी परीक्षा पर था और इसी के चलते उन्होंने वर्ष 2014 से यूपीएससी की परीक्षा देना आरंभ कर दिया‌। 2014 और 2015 में विजय केवल प्री परीक्षा पास कर पाए और मुख्य परीक्षा में असफल रहे। तीसरी बार विजय ने अपनी तैयारियों के दम पर फाइनल भी पास कर लिया लेकिन केवल 06 अंक से मुख्य सूची में आने से रह गए। बार-बार असफल होने के बावजूद विजय के इरादे नहीं डगमगाए और 2017 में उन्होंने फिर परीक्षा दी और अबकी बार साक्षात्कार तक पहुंचे लेकिन सफलता अभी भी उनसे दूर थी।

पांचवें अटेम्प्ट में मिली सफलता

चार बार असफल होने के बाद विजय के रिश्तेदारों का विश्वास उनसे उठ गया था। सबने उन्हें पांचवां अटेम्प्ट करके अपना समय न बर्बाद करने की सलाह दी पर विजय (Vijay Vardhan) को अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा था और अपने इसी विश्वास के चलते विजय ने फिर से परीक्षा दी और अबकी बार 104 रैंक के साथ इसे पास भी कर लिया। अआखिरकार 2018 में विजय को अपनी मंजिल मिली और वे आईएएस बनने के अपने सपने को साकार कर पाए और आज यूपीएससी की परीक्षा देने वाले लाखों विद्यार्थियों के लिए उदाहरण बन चुके हैं।