Heart Attack Symptoms: ये है हार्ट अटैक के आम लक्षण, भूल से भी न करें नजरअंदाज
Heart Attack Symptoms | बदलते समय में लोगों की दिनचर्या कई बड़े बदलाव आए हैं। इसके साथ ही लोगों के खान पान में भी बहुत बदलाव आ गया है। जिसके चलते लोगों को दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। दरअसल खून में थक्के बनने की वजह से ह्रदय तक रक्त का संचार ठीक तरह से नहीं हो पाता है। इससे सीने में दर्द होता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सा जगत में हार्ट अटैक की समस्या को एमआई नाम से जाना जाता है। इसकी फुलफॉर्म मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन (Myocardial Infarction) होता है। हार्ट अटैक के लक्षण (Heart Attack Symptoms) और उनकी पहचान के बारे में हममें से ज्यादातर लोगों को पता होता है, पर कई ऐसे लक्षण भी होते हैं जिनके लोगों नहीं। समझ पाते हैं।
हार्ट अटैक के कुछ सामान्य लक्षण | Heart Attack Symptoms
जकड़न
कई बार शरीर दर्द से जकड़न लगता है। इसमें बाहों, कमर, गर्दन और जबड़े में दर्द या भारीपन भी महसूस हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द शरीर के किसी भी हिस्से से शुरू होकर सीधे सीने तक भी पहुंच सकता है। इन लक्षणों की अनदेखा नही करना चाहिए और संभावित तुरंत इनकी जांच करा लेनी चाहिए।
घबराहट
अचानक बैठे – बैठे मन में बैचैनी होना, घबराहट बढ़ जाना, रात को सोने में कठिनाई होना या रात में चिंता या संकट की भावना के कारण अचानक से उठ जाना भी हृदयाघात के पहले से दिखने वाले लक्षण हैं।
अधिक पसीना आना
गर्मियों के दिनों में पसीना आना बहुत आम बात है। पर ज्यादा पसीना आना दिल के दौरे का संकेत हो सकता है। कई बार सीने में दर्द होने के साथ पसीना आना और मांसपेशियों में अकड़न महसूस होना भी हार्ट अटैक का संकेत है। जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।
पल्स का बढ़ना
कभी-कभी हृदयघात से पहले दिखने वाले अधिक समान्य लक्षण जैसे तेजी से और अनियमित रूप से पल्स और हार्ट रेट का चलना हृदय की धड़कन में असामान्य तेजी के रूप में जाना जाता है। यदि यह समस्या अचानक से आ जाती हैं तो इस अवधि के दौरान आपका दिल बहुत तेजी से और मुश्किल से धड़कता हैं और यह हृदयाघात का लक्षण हो सकता है।
अपच
दिल का दौरा पड़ने से हल्के अपच और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं देखने को मिलती हैं। लेकिन हम अक्सर इसको नजरअंदाज कर देते हैं। और अंत में ये समस्या बड़ा रूप ले लेती है।
इससे बचने के उपाय
- खान पान में हरी सब्जियां और फल शामिल करें
- 8 घंटे की स्वस्थ नींद लें
- दिन में एक बार मेडिटेशन करें
- वायु प्रदूषण से बचें
- समय समय पर ब्लेड प्रेशर की जांच कराएं