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आखिर क्यों मरने के बाद हंसने लगा मेघनाद का कटा हुआ सिर | YouthTrend

Religion Desk | रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी और जैसा की आपको मालूम हैं कि रावण का बेटा मेघनाद था| मेघनाद बहुत ही बलशाली था और उसने इन्द्र देव को युद्ध में पराजित किया था, जिसके कारण उसका नाम इंद्रजीत पड़ा था| ऐसे में आज हम आपको मेघनाद की कथा सुनाने वाले हैं| दरअसल मेघनाद, श्री राम और लक्ष्मण को मारना चाहता था लेकिन एक युद्ध में मेघनाद लक्ष्मण के घातक बाणों से मारा गया था| लक्ष्मण के बाण से मेघनाद का सिर धड़ से अलग हो गया था| बता दें कि जब मेघनाद का सिर धड़ से अलग हुआ तो उसके सिर को श्री राम के सामने प्रस्तुत किया गया|

बेहद शक्तिशाली था मेघनाथ

आखिर क्यों मरने के बाद हंसने लगा मेघनाद का कटा हुआ सिर | YouthTrend

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जब मेघनाद के सिर को श्री राम के सामने लाया गया, तब उन्होने कहाँ कि मेघनाद के सिर को संभाल कर रखा जाए| इसके बाद मेघनाद की मृत्यु की खबर उसकी पत्नी सुलोचना को देने के लिए श्री राम ने उसकी एक भुजा को बाण की सहायता से महल में पहुंचा दिया| मेघनाद की भुजा को देखते ही उसकी पत्नी पहचान गयी लेकिन उसे विश्वास नहीं हो रहा था| इसलिए उसने उस भुजा से कहा कि यदि तुम मेरे पति के भुजा हो तो मुझे प्रमाण दो| सुलोचना की बात सुनते ही भुजा भुजा ने हरकत करना शुरू कर दिया और उसी समय एक सेविका ने वहाँ एक खड़िया लाकर रख दिया और तब उस भुजा ने उस खड़िए से लक्ष्मण के प्रशंसा में कुछ शब्द लिख दिये| इसके बाद सुलोचना को विश्वास हुआ कि उसके पति वीरगति को प्राप्त हो गयी|

पति की मृत्यु के बाद सुलोचना भी उसके साथ सती होना चाहती थी| इस बात को सुनकर रावण बोला कि वो ऐसा ना करे, तभी वहाँ मौजूद मंदोदरी ने कहा कि तुम राम के पास जाओ वो बहुत दयालु हैं| इसके बाद सुलोचना राम के पास गयी तब विभीषण ने उसका परिचय राम से करवाया| इसके बाद सुलोचना ने राम से कहा कि उसके पति का सिर उसे दे दे ताकि वो उसके साथ सती हो सके| सुलोचना कि बात सुनकर राम को दुख हुआ तो उन्होने कहा मैं तुम्हारे पति को जीवित कर देता हूँ लेकिन सुलोचना ने कहा कि नहीं प्रभु मैं नहीं चाहता हु कि मेरे पति से फिर से जीवित होकर संसार के कष्टों को भोगे| इतना ही नहीं उसने कहा कि मैं आपके दर्शन से मेरा जीवन सफल गया|

इसके बाद उसने अपने पति के सिर की मांग कि लेकिन वहाँ स्थित सुग्रीव को इस बात का विश्वास नहीं हुआ कि कटी हुयी भुजा लक्ष्मण का गुणगान कैसे कर सकता हैं और उसने सुलोचना से कहाँ कि मई तुम्हारी बार तभी सत्य मानूँगा जब यह कटा हुआ सिर मेरे सामने हंसने लगेगा| ऐसे में सुलोचना ने अपनी बात को सच मनवाने के लिए अपने पति के सिर से कहा कि आप हंस दे नहीं तो मेरे बात का कोई विश्वास नहीं मानेगा| ऐसे में कटा हुआ सिर से ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा| इसके बाद सुलोचना अपने पति के सिर को लेकर वहाँ से चली गयी|

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Chandan Singh

Chandan Singh is a Well Experienced Hindi Content Writer working for more than 4 years in this field. Completed his Master's from Banaras Hindu University in Journalism. Animals Nature Lover.