Health

ऑस्ट्रेलिया में फैला मांस खाने वाला Buruli Ulcer, कोरोना से भी जानलेवा है इसके लक्षण

जहां एक तरफ पूरी दुनिया Corona Virus के प्रभाव से उभर नहीं पा रही हैं वही एक तरफ Australia में एक नई बीमारी तेजी के साथ फ़ैल रही है। ऑस्ट्रेलिया की नई बीमारी इतनी ज्यादा खतरनाक है कि जिसे भी इसका संक्रमण होता है उसके प्रभावित हिस्से में मांस की संख्या कम होने लग जाती है। महामारी का नाम Buruli Ulcer बताया गया है। बुरुली अल्सर मरीज के कई प्रभावित हिस्सों पर से मांस को खाने लगता है, या ये कह सकते है कि कम करने लगता है|

यह बीमारी इंसान को संक्रमित करने में 5 से 10 महीने तक का समय ले लेती है। Buruli Ulcer के हो जाने पर यह इंसान के मांस को खा जाती है वहीं हालात ऐसे भी हो सकते हैं कि इस बीमारी से संक्रमित मरीज विकलांग भी हो सकता है। स्वास्थ्य संगठन इस बीमारी को लेकर चेतावनी भी जारी कर चुका है।

आखिर क्या है Buruli Ulcer

Buruli Ulcer Epidemic

बुरुली अल्सर एक तरह की गंभीर बीमारी है जो कि ‘अल्सरान नाम के बैक्टीरिया’ की वजह से होती है। यह बैक्टीरिया पर्यावरण में मौजूद होते हैं जो कि मानव को प्रभावित करने लगते हैं। अगर विशेषज्ञों की माने तो मच्छर इस बीमारी के फैलने का प्रमुख कारण बताए गए हैं, यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों पर नियंत्रण रखने की चेतावनी जारी कर दी है। यह बीमारी इतनी भयानक है कि यह पूरी तरह से इंसान की त्वचा को धीरे धीरे प्रभावित करने लगती है साथ ही यह हड्डियों पर भी अपना प्रभाव डालने लगती है जिस वजह से इंसान विकलांग भी हो सकता है। 

क्या है बूरुली अल्सर के लक्षण

इस बीमारी के शुरुआत में इंसान को धीरे धीरे त्वचा पर लाल तरह के निशान होने लगते हैं। यह वही जगह होती है जहां पर यह संक्रमण अपना प्रभाव डाल रहा होता है। जब इंसान काफी समय तक इस पर ध्यान नहीं देता है तो इस जगह से धीरे-धीरे मांस कम होने लग जाता है। शुरुआत में इंसान को प्रभावित त्वचा पर दर्द की अनुभूति होती है और साथ ही कुछ सूजन भी देखने को मिलती है जिसके बाद लाल निशान पड़ने पर यह संक्रमण धीरे-धीरे मांस को खाने लगता है। इसके बाद धीरे-धीरे संक्रमण से हड्डियां भी प्रभावित होने लगती है।

Buruli Ulcer Epidemic

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन, ऑस्ट्रेलिया में चल रही इस बीमारी को लेकर अपनी चेतावनी जारी कर चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि इस बीमारी को बढ़ने से पहले ही रोक देने की जरूरत है। वही स्वास्थ्य संगठन ने मच्छरों की रोकथाम के भी निर्देश दिए हैं जोकि इस तरह की बीमारी के फैलने का मुख्य कारण है।