Ropeway In Varanasi: काशी में रोपवे के पायलट प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी, कैंट से गोदौलिया के बीच बनेंगे 4 स्टेशन
Ropeway In Varanasi | पवित्र नगरी वाराणसी वैसे तो अपने मंदिरो और घाटों के लिए विख्यात है और अब वाराणसी धीरे-धीरे ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित हों रहा है। इसी क्रम में अब एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है, दरअसल काफी लंबे से अटके हुए रोपवे के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी गई है जिसके बाद वाराणसी में रोपवे प्रोजेक्ट का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
रोपवे के पायलट प्रोजेक्ट में पहले 5 किलोमीटर के क्षेत्र में इसका निर्माण किया जाएगा और इन 5 किलोमीटर में रोपवे के चार स्टेशन भी बनेंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 424 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद लगाई जा रही है, काशी में रोपवे (Ropeway In Varanasi) के इस पायलट प्रोजेक्ट की पूरी रिपोर्ट भारत सरकार की सहयोगी कंपनी वैपकॉस ने तैयार की है। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी हाल में ही वाराणसी और लखनऊ के अधिकारियों के बीच हुई वर्चुअल मीटिंग में दी गई है।
Ropeway In Varanasi: पांच किलोमीटर में बनेंगे 4 स्टेशन
काशी को दो चरणों में कनेक्ट करेगा रोपवे, शहर में 15 स्टेशन पर दौड़ेगी लाइट मेट्रो
वाराणसी में रोपवे (Ropeway In Varanasi) के पायलट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले इसे कैंट से गोदौलिया के बीच चलाने को मंजुरी मिल चुकी है, जानकारी के अनुसार कैंट स्टेशन से चलकर रोपवे सबसे पहले साजन तिराहा उसके बाद रथयात्रा और इसकी समाप्ति गोदौलिया पर होगी। एक अनुमान के अनुसार रोपवे के चल जाने के बाद प्रतिदिन इसमें सात से 10 हजार यात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। रोपवे प्रोजेक्ट के लिए जिस कंपनी ने सर्वे किया है उसके अनुसार इस परियोजना के शुरू होने के बाद इससे वाराणसी में अलग-अलग मार्गों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से भी छुटकारा मिलेगा।
इसी साल मिल सकती है काशी को रोपवे की सौगात
जानकारी के अनुसार इस बात की पूरी उम्मीद है कि काशी नगरी को रोपवे की सौगात इसी वर्ष मिल सकती है, इस परियोजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी PPP मॉडल पर पूरा किया जाएगा जिसमें इस परियोजना में लगने वाली गैप फंडिंग का भी आकलन किया जाएगा। वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन हुई इस मीटिंग में वाराणसी में चलने वाली रोपवे परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई है और इस बारे में आगे की कार्यवाही प्रशासन के निर्देशानुसार किया जाएगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि 31 अगस्त तक इस योजना का पूरा खाका बना लिया जाएगा।
रोपवे बनेगा मेट्रो का विकल्प
रोपवे से पहले काशी में मेट्रो शुरू करने की योजना थी लेकिन यहां की संकरी गली और छोटे एवं तंग रास्तों की वजह से मेट्रो के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था। लेकिन अब रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway In Varanasi) को मंजूरी मिलने के बाद इसे मेट्रो का विकल्प कहा जा रहा है, रोपवे प्रोजेक्ट के लिए योजना बनाने वाली वैपकॉस कंपनी के अनुसार शहर में इसे तीन रूटों पर चलाने की योजना है। कहा जा रहा है कि अगर रोपवे का पहला चरण सफल रहता है तो आने वाले समय में इसे और भी रूटों पर शुरू किया जाएगा।
इसके लिए पहला रूट शिवपुर से कचहरी, सिगरा, रथयात्रा के रास्ते लँका तक, दूसरा रूट कचहरी से लहुराबीर, मैदागिन और गोदौलिया होते हुए लँका तक और तीसरा रूट लहरतारा से नरिया के रास्ते बीएचयू तक प्रस्तावित है।
रोपवे के बाद विश्वनाथ मंदिर जुड़ेगा जल, थल और नभ से
कहा जा रहा है कि काशी में रोपवे के शुरू होने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर तक जल यानी गंगा नदी के रास्ते नाव एवं क्रूज के द्वारा तक पहुंच सकते है। नभ मार्ग यानी रोपवे के द्वारा आ सकते है और थल यानी सड़क मार्ग से तो विश्वनाथ त्रिपाठी पहले से संपर्क में है।