काशी विश्वनाथ मंदिर : काशी के इन मंदिरों के बारें में नहीं जानते होंगे आप, स्कंद पुराण में भी है उल्लेख
Youthtrend Varanasi Desk : हमारें देश में प्राचीन इतिहास के बहुत से ऐसे मंदिर हैं जिनका महत्व बहुत ज्यादा हैं, इन मंदिरों का जीर्णोद्धार बहुत जरूरी हैं ऐसे मंदिरों को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी संबंधित विभागों से सजगता बरतने को कहा हैं, एक ऐसा ही मंदिर हैं काशी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर। बताया जा रहा हैं कि काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार बहुत ही सजगता से किया जा रहा हैं और स्वयं प्रधानमंत्री इस पर नजर बनाए हुए हैं, मंदिर के जीर्णोद्धार के समय कुछ ऐसा सामने आया हैं जिसके बारें में शायद आप नहीं जानते होंगे, आज के इस लेख में हम उसके बारें में आपको जानकारी देने जा रहें हैं और ये भी बताएंगे कि क्या संबंध हैं इस मंदिर का स्कंद पुराण से।
काशी विश्वनाथ मंदिर का स्कंद पुराण में है वर्णन
जब विभाग द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए धाम को विस्तार किया जा रहा था तो यहां खुदाई के दौरान बहुत से ऐसे मंदिर धरती के अंदर से मिले हैं जिनका महत्व पुराणों में वर्णित हैं, यहां तक कि स्कंद पुराण में भी काशी विश्वनाथ मंदिर के बारें में बताया गया हैं। मंदिर प्रशासन इस संबंध में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कला इतिहास विभाग और राष्ट्रीय संग्रहालय विभाग की भी मदद लेगा ताकि खुदाई के दौरान मिले मंदिरों का सही तरीके से अवलोकन करके उनके बारें में सही जानकारी जुटाई जा सकें।
विस्तार के लिए खरीदे गए थे 300 भवन
जानकारी के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तार हेतु आसपास के 300 भवनों को खरीद लिया गया था, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के CEO गौरांग राठी ने एक बैठक में बताया कि जो 300 भवन बाबा विश्वनाथ के धाम के विस्तार हेतु लिए गए थे उनमें से 60 भवनों में मंदिर मिले हैं। इन 60 मंदिरों में से लगभग 12 मंदिरों की नक्काशी और वास्तुकला मंदिर की विशेषता दर्शाती हैं और इनको अन्य मंदिरों से अलग बनाती हैं। विस्तारीकरण के दौरान मिले लगभग 30 मंदिर ऐसे हैं जिनके बारें में स्कंद पुराण के काशी खण्ड में उल्लेख मिलता हैं, इस वजह से भी काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ इन सभी मंदिरों का जीर्णोद्धार करना जरूरी हो जाता हैं।
रखना होगा समय सीमा का ध्यान
बीते शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को देखने के लिए मंदिर के सीईओ बाबा विश्वनाथ के धाम पहुंचे और उन्होंने ड्रेनेज और सीवेज को लेकर बाबत जानकारी प्राप्त की, इसके अलावा मंदिर के विस्तारीकरण में जुटे अधिकारियों ने मंदिर के नए डिज़ाइन के बारें में भी सीईओ को जानकारी दी, अंत मे CEO ने सभी विभागों को मंदिर से जुड़े सभी कार्य तय समयसीमा में ही पूरा करने के निर्देश दिए हैं।