Sunasir Nath Shiv Temple : महादेव का वो चमत्कारी मंदिर जिसे औरंगजेब चाहकर भी नष्ट नहीं कर पाया
Sunasir Nath Shiv Temple : वैसे तो भारत में देवाधिदेव महादेव के कई ऐसे मंदिर (Temple) हैं, जो काफी अद्भुत और चमत्कारी है। जिनसे कोई न कोई पौराणिक कथा या रहस्य जुड़ा है। लेकिन आज हम आपको भगवान शिव (Lord Shiva) के एक ऐसे अनोखे मंदिर (Sunasir Nath Shiv Temple) के बारे में बताने जा रहे है, जहां शिवलिंग की स्थापना खुद इंद्रदेव ने की थी। कहा जाता है कि लाख प्रयासों के बावजूद भी औरंगजेब (Aurangzeb) इस मंदिर की शिवलिंग नष्ट नहीं कर पाया था, यह चमत्कार (Miracle) देखकर मुगलों की फौज भाग खड़ी हुई थी। इस मंदिर को छोटी काशी (Choti Kashi) के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर बहुत ही दिव्य है, तो चलिए जानते है कि आखिर ये मंदिर कहां स्थित है और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में…
Sunasir Nath Shiv Temple: यहां स्थित है ये मंदिर
जनपद हरदोई (Hardoi) के मल्लावां छोटी काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के नाम से प्रसिद्ध कस्बे से तीन किलोमीटर दक्षिण प्रसिद्ध मंदिर बाबा सुनासीर नाथ (Sunasir Nath Shiv Temple) आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह सतयुग में देवराज इंद्र नेमढिया स्थित सुनासीर नाथ मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी। दो सौ साल पुराने इस सुनासीर नाथ शिव मंदिर के शिवलिंग पर औरंगजेब ने आरा चलवाया था, जिसके निशान आज भी शिवलिंग पर मौजूद हैं। साथ ही सुनासीर नाथ मंदिर से बर्बर लुटेरे ने 2 कुंटल सोने का कलश जमीन में लगी गिन्नियाँ लूटी थी। हरदोई के मल्लावां में स्थित यह छोटा काशी (Chota kashi) कहा जाने वाला मंदिर मुगलकालीन बर्बरता का गवाह है। हर साल महाशिवरात्रि और सावन के महीने (Month of Sawan) में यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।
औरंगजेब ने लूट लिया था यहां का सारा सोना
बताया जाता है कि सुनासीर नाथ मंदिर मुगलकालीन (Mughal) बर्बरता का गवाह है। कहा जाता है कि पूर्व में इस मंदिर (Sunasir Nath Shiv Temple) में सोने के कलश, दरवाजे और जमीन पर गिन्नियां जड़ी थीं, लेकिन 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) ने मंदिर का स्वर्ण लूटने के लिए आक्रमण कर दिया. लेकिन जब क्षेत्र के गौराखेड़ा के लोगों को औरंगजेब के आक्रमण की भनक लगी, तो वो उसका मुकाबला करने आ पहुंचे. हालांकि औरंगजेब की भारी सेना के सामने वो ज्यादा देर नहीं टिक सके और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद औरंगजेब और उसके सैनिकों ने मंदिर में लगे दो सोने के कलश, फर्श में जड़ी सोने की गिन्नियां और सोने के घंटे व दरवाजे सब लूट लिए. इतना ही नहीं उसने मंदिर को ध्वस्त करने का भी आदेश दे दिया और शिवलिंग पर आरी चलाकर उसे भी नष्ट करने का प्रयास किया, हालाँकि तमाम प्रयास के बाद भी वो इस शिवलिंग को नष्ट करने में असफल रहे।
चाहकर भी शिवलिंग को नहीं कर पाया नष्ट
Sunasir Nath Shiv Temple के महंत राम गोविंद बताते हैं कि उनके बुजुर्गों ने उन्हें बताया है कि जब औरंगजेब ने स्वर्ण और गिन्नियों को लूटने के बाद अपने सैनिकों को शिवलिंग को खोदकर उखाड़ फेंकने का आदेश दिया था लेकिन जैसे ही सैनिकों (Soldiers) ने शिवलिंग को उखाड़ने के लिए खुदाई शुरू की तो शिवलिंग की गहराई और उसका आकार बढ़ने लगा। सैनिकों को असफल होते देख उन्होंने आरी चलाकर शिवलिंग को काटने का आदेश दिया। कहा जाता है कि जैसे ही शिवलिंग को सैनिकों ने काटना शुरू किया तो शिवलिंग (shivling) से दूध की धारा बहने लगी। इतना ही नहीं उस शिवलिंग से असंख्य बरैया निकलकर फौज पर हमलावर हो गईं, इन बरैयों ने पूरी फौज को खदेड़ दिया। तब बड़ी मुश्किल से किसी तरह फौज और औरंगजेब ने अपने प्राण बचाए थे।
छोटा काशी के नाम से भी मशहूर है ये मंदिर
तक़रीबन दो सौ वर्ष प्राचीन इस मंदिर (Sunasir Nath Shiv Temple) के शिवलिंग को नष्ट करने के उद्देश्य से औरंगजेब ने उसपर आरा चलवाया था जिसके निशान आज भी शिवलिंग पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता हैं, हरदोई के मल्लावां में स्थित यह छोटा काशी कहा जाने वाला मंदिर मुगलकालीन बर्बरता का साक्षात गवाह है। सावन माह के दौरान इस मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ जुटती है।
आज भी शिवलिंग पर मौजूद हैं आरी के निशान
महंत के मुताबिक मुगलों की बर्बरता के निशान आज भी उस शिवलिंग पर मौजूद हैं। आप इस मंदिर की शिवलिंग पर आरे के निशान अब भी देख सकते हैं। सैकड़ों वर्षों से ये मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां आज भी देश विदेश से लोग आकर महादेव से मन्नत मांगते हैं। सावन के दिनों में यहां भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। सावन के सोमवार में इस प्रसिद्द मंदिर (Sunasir Nath Shiv Temple) में दूर दूर से भक्त भगवान का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं।