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Mauni Amavasya: महास्नान में उमड़ी भीड़, अब तक 15 करोड़ ने लगाई डुबकी
Mauni Amavasya 2025: महाकुंभ मेला, जो हिन्दू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, इस बार भी श्रद्धालुओं के उमड़े रेला और धार्मिक उल्लास से सराबोर है। मौनी अमावस्या के अवसर पर होने वाला महास्नान, इस मेला का प्रमुख आकर्षण है। प्रयागराज के संगम तट पर होने वाली इस विशेष स्नान (Mauni Amavasya) परंपरा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं, जो धार्मिक आस्था और विश्वास का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
Mauni Amavasya: महास्नान की तैयारी और भीड़ का आकलन
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मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) स्नान के दिन संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने का सिलसिला जारी है। संगम जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक की स्थिति इतनी भीड़भाड़ वाली हो गई है कि लोग पैदल चलने के बजाय रेंगते हुए आगे बढ़ रहे हैं। त्रिवेणी मार्ग, काली मार्ग, शास्त्री ब्रिज, नाग वासुकि रोड, और झूंसी रोड जैसे प्रमुख रास्तों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि इस भीड़ को व्यवस्थित किया जा सके।
संगम तट पर स्नान के लिए अब तक करीब 15 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है, और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 28 जनवरी तक ये आंकड़ा 15 करोड़ को पार कर चुका था, जबकि 13 जनवरी से लेकर मौनी अमावस्या तक यह संख्या लगातार बढ़ी है। मंगलवार तक, केवल एक दिन में ही करीब एक करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे थे।
भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय
महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं। मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, ताकि वाहनों से होने वाली भीड़ को रोका जा सके। सभी बड़ी सड़कें और मार्गों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं का मार्ग आसानी से नियंत्रित किया जा सके। संगम क्षेत्र में पैदल यात्री ही स्नान के लिए पहुंच सकें, इसके लिए विभिन्न चौराहों और मार्गों पर खास निगरानी रखी जा रही है।
संगम तट के समीप स्थित स्थानों पर भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए पुलिस बल और विशेष सुरक्षा दल की तैनाती भी की गई है। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) के जरिए सभी महत्वपूर्ण स्थानों की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती
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मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) स्नान पर्व को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया है। करीब 5000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को शहर में तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। इनमें से कुछ पुलिसकर्मी विशेष रूप से यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे, जबकि अन्य को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया जाएगा।
पुलिस प्रशासन ने सिविल पुलिस, यातायात पुलिस और विशेष सुरक्षा बलों को भी लगाया है ताकि सभी मार्गों पर यातायात सुगम रहे और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के मेला क्षेत्र तक पहुंच सकें। इसके साथ ही, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, और एयरपोर्ट जैसी प्रमुख जगहों पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
श्रद्धालुओं का उत्साह और संख्यात्मक वृद्धि
Mauni Amavasya के दिन संगम में स्नान करने की परंपरा हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन को विशेष रूप से पुण्यदायिनी माना जाता है, और इसे लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह निरंतर बढ़ता जा रहा है। 13 जनवरी से शुरू हुआ स्नान पर्व, 28 जनवरी तक चरम पर पहुंचने की स्थिति में है। रविवार और सोमवार को भी भीड़ का आंकड़ा तेजी से बढ़ा, और सोमवार शाम तक करीब तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।
मकर संक्रांति के दिन तो करीब साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था, जो इस मेले की लोकप्रियता और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या का संकेत है। अब तक इस आयोजन में एक करोड़ से ज्यादा लोग एक दिन में स्नान करने के आंकड़े तक पहुंच चुके हैं।
Mauni Amavasya स्नान पर्व के दौरान प्रयागराज में उमड़ी यह विशाल श्रद्धालु भीड़ यह दर्शाती है कि हिन्दू धर्म में आस्था और विश्वास का कोई सानी नहीं है। इस अवसर पर संगम तट पर स्नान करने की परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक घटना भी बन चुकी है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा इंतजामों के बावजूद, इस दिन श्रद्धालुओं का असीमित उत्साह और आस्था इस महान धार्मिक आयोजन को और भी भव्य बनाता है।
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