Solar Eclips 2020: कितने प्रकार के होते हैं सूर्य ग्रहण, कैसा होगा 21 जून का सूर्यग्रहण ?
इस महीने की 21 तारीख को सूर्य ग्रहण लगने वाला हैं जिसके बारें में कहा जा रहा हैं कि ये काफी ज्यादा प्रभाव डालने वाला ग्रहण होगा। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता हैं तो सूर्य का बिंब कुछ समय के लिए चंद्रमा के पीछे छुप जाता हैं जिसकी वजह से ग्रहण (Solar Eclips 2020) लगता हैं। इस 21 जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत में 3 घंटे और 26 मिनट के लिए रहेगा और ये एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा।
Solar Eclips 2020 पूर्ण सूर्य ग्रहण
अपने देश में सबसे पहले ग्रहण द्वारिका में सुबह 9:53 पर दिखेगा और दोपहर बाद 2:28 के बाद से पूरे देश से इसका असर खत्म हो जाएगा। क्या आप जानते हैं सूर्य ग्रहण भी कई प्रकार के होते हैं चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं।
सूर्य ग्रहण का ये सबसे प्रथम और महत्वपूर्ण रूप हैं इसे हम पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं दरअसल जब चंद्रमा पृथ्वी के बहुत ज्यादा निकट आने के बाद पृथ्वी और सूर्य के मध्य में आ जाता हैं तो इसके कारण चंद्रमा पृथ्वी को पूरी तरह से अपने छाया क्षेत्र में ले लेता हैं जिसकी वजह से सूर्य अपना प्रकाश पृथ्वी तक नही पहुंचा पाता। इस वजह से पृथ्वी पर अंधकार की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं और आपको पृथ्वी से सूर्य के बिल्कुल दर्शन नहीं होंगे और इसी परिस्थिति को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता हैं।
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वलयाकार सूर्य ग्रहण
वलयाकार सूर्य ग्रहण की स्थिति तब उत्पन्न होती हैं जब चंद्रमा पृथ्वी से काफी दूर रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में इस प्रकार आते हैं कि उससे सूर्य का मध्य भाग चंद्रमा से ढक जाता हैं। जब पृथ्वी से सूर्य को देखा जाता हैं तो वो पूरा नहीं दिखाई देता हैं और सूर्य एक कंगन या वलय के आकार में प्रकाश फैलाता हुआ दिखाई देता हैं इस ग्रहण को वलयाकार ग्रहण कहने की एक वजह ये भी हैं कि इस ग्रहण में सूर्य का आकार वलय या कंगन के जैसे हो जाता हैं।
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आंशिक सूर्य ग्रहण
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता तो हैं लेकिन उसकी वजह से सूर्य का आंशिक हिस्सा ही ढक पाता हैं और जब हम पृथ्वी से सूर्य को देखते हैं तो हमें सूर्य का कुछ हिस्सा दिखाई नहीं देता। आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का कुछ हिस्सा तो ग्रहण ग्रास में होता हैं जबकि अन्य हिस्सा ग्रहण ग्रास में नहीं होता हैं। सूर्य के उस हिस्से को जो चंद्रमा की वजह से प्रभावित होता हैं उसे ही आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।