कोई भी मंत्र पढ़ने से पहले क्यों बोलते हैं ‘ॐ’, बेहद गहरा है रहस्य
Youthtrend Religion Desk : हम सब ने कभी ना कभी किसी ना किसी मंत्र का उच्चारण अवश्य किया होगा, हर मंत्र की शुरुआत ॐ से होती हैं जैसे ॐ नमः शिवाय या गायत्री मंत्र, सबकी शुरुआत ॐ से ही होती हैं पर क्या कभी आप ये जानते हैं कि आखिर क्यों हर मंत्र की शुरुआत ॐ से होती हैं चलिए आज के इस लेख में हम इसी बारें में।
सकारात्मकता का संचार करता हैं 'ॐ'
ॐ शब्द तीन अक्षरों के मेल से बना हैं और वो तीन अक्षर हैं अ, उ और म, कहा जाता हैं कि ये तीनों अक्षर ही पूरी दुनिया के प्रतीक हैं, महज ॐ के उच्चारण से ही हमारें जीवन की सभी नकारत्मकता खत्म हो जाती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होने लगता हैं। हिन्दू धर्मग्रंथों में भी ॐ के शब्द की महत्वता बताई गई हैं।
बड़े-बड़े धर्मग्रंथों में हैं ॐ का उल्लेख
अत्यंत पवित्र श्रीमद्भागवत गीता में उल्लेख हैं कि अगर हम किसी भी मंत्र से पहले ॐ शब्द जोड़ दिया जाता हैं तो हमें उस मंत्र का काफी अधिक पुण्य मिलता हैं, शास्त्रों के अनुसार ॐ का उच्चारण करने से जातक को भगवान की कृपा से परम गति की प्राप्ति होती हैं। एक और मुख्य ग्रन्थ कठोपनिषद में भी ये उल्लेख हैं कि इस ॐ शब्द में सभी वेदों का सार, सभी तपस्वियों और योगियों का सार सम्मिलित हैं इसलिए हमेशा किसी भी मंत्र के उच्चारण से पहले ॐ शब्द का जप अवश्य करना चाहिए।
गोपथ ब्राह्मण से लेकर माण्डूक्य उपनिषद में भी ॐ का वर्णन
हिन्दू धर्म के अत्यंत प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथ गोपथ ब्राह्मण और माण्डूक्य उपनिषद में भी ॐ शब्द की महिमा का वर्णन हैं, इनके अनुसार कभी भी किसी मंत्र के उच्चारण से पहले ॐ शब्द के उच्चारण से पहले जातक पर ईश्वरीय कृपा बरसने लगती हैं और उस मंत्र का प्रभाव भी पहले से अधिक बढ़ जाता हैं। इसके अलावा धार्मिक ग्रंथों में भी ये कहा गया हैं कि किसी भी मंत्र के पहले ॐ लगाने से वो मंत्र शुद्ध और शक्ति संपन्न हो जाता हैं, इसके अलावा जब भी आप किसी मंत्र से पहले ॐ नहीं लगाते हैं तो आपको उस मंत्र का लाभ नहीं मिलता।
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अन्य धर्म भी मानते हैं ॐ का महत्व
ऐसा नहीं हैं कि केवल हिन्दू धर्म में ही ॐ को महत्व दिया जाता हैं बल्कि अन्य धर्मों ने भी ॐ के महत्व को समझा हैं और जाना हैं, बौद्ध धर्म के ग्रन्थों में भी ॐ का प्रयोग जप और तप के लिए किया जाता हैं, जैन धर्म में भी ॐ के महत्व को समझाया गया हैं।