संक्रमण बढ़ते ही सबसे पहले क्यों लगाया जाता है Night Curfew, क्या नाइट कर्फ्यू से नहीं फैलता कोरोना?
Night Curfew and Corona Virus | कोरोना के चलते पिछले वर्ष से देश के कई राज्यों में जनता कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू और यहाँ तक कि आंशिक से लेकर सम्पूर्ण लॉकडाउन तक लगाया जा चुका है। ऐसे में जब कोरोना ने दोबारा से अपना पैर पसारना शुरू कर दिया, तब मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। दिल्ली के अलावा देश के अन्य कई राज्यों में लगातार नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लगाया जा रहा है। सर्कार की कोशिश है कि नाईट कर्फ्यू लगाने से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कुछ हद तक रोका जा सकता है, लेकिन जहाँ तक विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों का कहना है कि कोरोना से बचाव का एकमात्र तरीका है खुद से खुद की सुरक्षा।
कम से कम बहार निकलना, भीड़ में नहीं जाना या भीड़ इक्कठा नहीं करना, मास्क का बराबर इस्तेमाल करना और साथ ही साथ सैनेटाइजर का भी, हालाँकि नाईट कर्फ्यू भी एक बेहतर विकल्प है क्योंकि इससे रात में होने वाली पार्टियों और गेदरिंग को नियंत्रण में किया जाता है। नाइट कर्फ्यू के जरिए सरकार लगातार कोरोना को बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही है।
क्या होता है Night Curfew
नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक लोगों के सार्वजनिक स्थानों पर घूमने-फिरने की मनाही होती है। यह टाइमिंग राज्य सरकार के अनुसार बदल भी जाती है। इससे लोगों की रात में आवाजाही पर रोक लगाई जाती है, ताकि रात में लोग इक्ट्ठा ना हो सके। ऐसे में सभी के मन में जो एक सबसे बड़ा सवाल है वह है कि ‘नाइट कर्फ्यू कोरोना वायरस के मामलों को रोकने में कैसे सहायक है?’ तो आज हम आपको बताते हैं कि क्या है नाइट कर्फ्यू का महत्व और कैसे यह कोरोना संक्रमण के मामलों को बढ़ने से रोकता है।
नाइट लाइफ पर विराम
लोगो की बदलती लाइफस्टाइल के चलते, नाइटलाइफ लोगों के बीच एक बहुत प्रचलित चलन बन गया है। लोग देर रात तक पब, डिस्को जैसी जगहों पर भीड़ इकट्ठा करके पार्टियां करते हैं। इस दौरान देश भर में करोड़ों की तादाद में जिलों से लेकर शहर और राजधानी से लेकर मेट्रो सिटीज में रात को भीड़ इकट्ठा होती है। और रात में निकलने वाले ज्यादातर लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं। यहां तक कि लोग मास्क भी नहीं लगाते हैं। लोगों की लापरवाही के चलते हैं कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में नाइट कर्फ्यू लगा देने से इस प्रकार के सभी कार्यक्रमों पर पूर्णता प्रतिबंध लग जाता है। और कोरोना से प्रभावित हो सकती एक बड़ी जनसंख्या को बचाया जाता है।
रात्रि आवाजाही पर रोक
देश के लगभग हर राज्य में पूरी रात आवाजाही होती है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर यात्रि रात से ही डेरा जमाना शुरू कर देते हैं। ऐसी जगहों पर देश दुनिया से आए कई लोग एक जगह एकत्रित होते हैं। और यहां कोरोना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। नाइट कर्फ्यू से ऐसी जगहों पर लगने वाली भीड़ को रोक कर सरकार न सिर्फ उनको बल्कि उनके परिवार को भी इस खतरनाक संक्रमण से बचाती है।
रात्रि गतिविधियों पर होती है पुलिस की नजर
हमारे देश का एक बड़ा तबका रात में सड़कों पर निकलता है। इनमें सबसे अधिक संख्या नौजवानों की होती है। युवा पीढ़ी ज्यादातर रात में निकल कर सड़कों पर उधम काटती दिखाई देती है। यह लोग अपने साथ भीड़ इकट्ठा करके चलते हैं। नाइट कर्फ्यू में इस तरीके से ये सभी गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो जाती हैं। पुलिस से लेकर प्रशासन इस बात पर नजर रखते हैं, और रात भर पेट्रोलिंग करती है।
दिल्ली में Night Curfew की अहम बातें
- नाइट कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के अलावा बाकी का घूमना-फिरना और सड़कों पर निकलना प्रतिबंधित रहेगा।
- सरकार ने इसको लेकर पूरी लिस्ट जारी कर दी है। जिनको नाइट कर्फ्यू से छूट मिली है, उनको कई श्रेणियों में बांटा गया है।
- अधिकारियों को आईकार्ड दिखाना होगा, वहीं ऐसी श्रेणी भी बनाई गई है, जिनमें लोगों को ई पास लेने होंगे।
- इंटरस्टेट और इंट्रास्टेट मूवमेंट, ट्रांसपोर्टेशन (गुड्स) पर रोक नहीं होगी। इसके लिए अलग से मंजूरी या ई पास की जरूरत नहीं होगी।
- दिल्ली में नाईट कर्फ्यू तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है और 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लगा रहेगा।