शबनम की फांसी पर संशय, 12 साल के बेटे ने राष्ट्रपति से लगाई माफ़ी की गुहार
इन दिनों उत्तर प्रदेश में एक खबर काफी चर्चा में है जिसके कई वजह भी है, असल में हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की शबनम की जिसे वर्ष 2008 में अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्या करने के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गयी है। बताया जा रहा है कि आजाद भारतवर्ष में यह पहला मामला होगा जब किसी महिला को फांसी की सजा दी जा रही है। हालाँकि इसी बीच उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की दोषी महिला शबनम के 12 वर्षीय बेटे मो. ताज ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपनी माँ के लिए क्षमा याचना की गुहार लगायी है।
शबनम को फांसी या दया याचिका
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि किसी आरोपी को न्यायलय द्वारा फांसी की सजा सुनाई जाती है तो उसके बाद भी उसके पास इस सजा से बचने का एक विकल्प यानी दया याचिका का प्रावधान होता है जिसपर राष्ट्रपति ही फैसला ले सकते हैं। ऐसे में शबनम के बेटे मो.ताज जिसका जन्म जेल में ही हुआ था उसने राष्ट्रपति कोविंद से दया याचिका की गुहार लगाई है, अब देखना ये है कि क्या शबनम आजाद भारत की पहली महिला होती हैं जिन्हें फांसी दी जाएगी या उन्हें राष्ट्रपति द्वारा दया मिल सकती है।