Mukhtar Ansari Death: सियासी खानदान से था मुख्तार अंसारी, ऐसी थी अपराध की कुंडली
Mukhtar Ansari Death : उत्तर प्रदेश के जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनकी मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है। मुख्तार के भाई अफजल अंसारी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्हें जेल में धीमा जहर दिया गया। हालांकि अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया है। अंसारी की मौत को लेकर हंगामा इसलिए भी बरपा है कि एक दौर था जब अपराध से लेकर सियासत तक में उनकी धमक हुआ करती थी। आइए उनके सियासी सफर पर एक नजर डालते हैं।
Mukhtar Ansari | कौन था मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है। 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद मुख़्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख़्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे।
गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख़्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़ा गया था। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे थे। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख़्तार अंसारी के चाचा लगते थे।
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि बीते 17 माह में मुख्तार अंसारी को सात मामलों में अदालत से सजा सुनाई जा चुकी थी। मुख्तार के खिलाफ लंबित 65 मुकदमों में से 20 में अदालत में सुनवाई चल रही थी। वाराणसी की अदालत ने अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इतना ही नहीं, फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यहीं की अदालत ने कोयला व्यवसायी नंद किशोरी रूंगटा के भाई महादेव रूंगटा को धमकी देने के मामले में भी सजा सुनाई है। गैंगस्टर के चार मामलों में उसे सजा हुई है।
सजा का सिलसिला 2022 से शुरू हुआ
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 सिंतबर 2022 को शुरू हुआ था। लखनऊ के आलमबाग थाने में वर्ष 2003 में दर्ज जेलर को धमकाने के मुकदमे में मुख्तार को एडीजे कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था। सरकार ने इसे 27 अप्रैल 2021 को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी मामले में उसे पहली बार सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 23 सितंबर, 2022 को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।
Mukhtar Ansari को दस वर्ष की सजा
29 अप्रैल, 2023 को गाजीपुर में ही दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मामले में दस वर्ष की सजा हुई। पांच जून 2023 को अदालत ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह फैसला 32 वर्षों बाद आया था।
15 दिसंबर 2023 को वाराणसी के कोयला व्यवसायी और विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष रहे नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने के 27 साल पुराने मामले में साढ़े पाच साल की सजा मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को मिली थी। बीते 13 मार्च को विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में मुख्तार अंसारी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। चार दिसंबर 1990 को मुख्तार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। स्रोत – दैनिक जागरण/आज तक