Viral

इस दिन है मोक्षदा एकादशी, व्रत करने से मिलता है मोक्ष, जानें पूजा विधि और तिथि

इस दिन है मोक्षदा एकादशी, व्रत करने से मिलता है मोक्ष, जानें पूजा विधि और तिथि

हिन्दू धर्म बहुत विस्तृत है, इसमें बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो हमारे लिए जरूरी है। जैसे की तिथियां। हर महीने में करीबन 30 या 31 दिन होते हैं। हर दिन का अपना महत्व होता है। हर दिन कोई ना कोई त्योहार पड़ता है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि त्योहारों के दिन मनुष्यों की तरफ से किया गया तप उन्हें विशेष फल की प्राप्ति कराता है। इस साल का अंतिम महीना शुरू हो चुका है और हर महीने की तरह इस महीने भी बहुत से त्योहार और व्रत पड़ रहे हैं मोक्षदा एकादशी भी इसी महीने है।

इस दिन है मोक्षदा एकादशी, व्रत करने से मिलता है मोक्ष, जानें पूजा विधि और तिथि

मोक्षदा एकादशी का महत्व

मोक्षदा एकादशी के महत्व को सनातन संस्कृति में विशेष तौर पर बताया गया है। इस महीने में ये एकदशी 8 दिसंबर को है। शास्त्रों में इसे मोक्षदायिनी एकादशी कहा गया हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदायिनी तिथि पड़ती है। धार्मिक शास्त्रो में बताया गया है कि मोक्षादा एकादशी व्रत को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।  पितरों को मोक्ष की प्राप्ति अगर हो गए तो आपके ऊपर से परेशानी के बादल छंट जाएंगे क्योंकि पितर अगर अशांत हैं तो वो परेशान करते हैं।

इस तिथि को लेकर एक कहानी और है जो बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल पौराणिक मान्यता के मुताबिक मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का अपदेश दिया था। महाभारत युद्ध के दौरान जब अर्जुन अपने सगे संबंधियों पर बाण चलाने से झिझक रहे थे। तब श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का सार समझाया था। इसलिए आज के दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें : पर्स में हमेशा रखेंगे ये चीज तो जीवन में कभी भी नहीं होगी धन की कमी

इस दिन है मोक्षदा एकादशी, व्रत करने से मिलता है मोक्ष, जानें पूजा विधि और तिथि

मोक्षदा एकादशी के दिन क्या करें ?

इस दिन आप सुबह जल्दी मुहूर्त पर उठें। स्नान कर घर की अच्छे से सफाई करें और पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। पूजाघर में भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें। ये घर को शुद्ध करने के लिए किया गया काम है। वहीं भगवान की पूजा के लिए रोली और अक्षत से तिलक करें और फूलों से भगवान का श्रृंगार करें। भगवान को फल और मेवे का भोग भी लगाएं और भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते जरूर अर्पित करें। फिर पहले भगवान गणपति और माता लक्ष्मी के साथ क्षीहरि की आरती करें। इस विधि को अपनाकर आप पूजा पाठ करें।

Youth Trend

YouthTrend is a Trending Hindi Web Portal in India and Continuously Growing Day by Day with support of all our Genuine Readers. You can Follow us on Various Social Platforms for Latest News of Different Segments in Hindi.