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सुर्ख़ियों में पाकिस्तान फ़तह करने वाले अभिनन्दन का MIG-21, जानें आखिर क्यों हो रही चर्चा

MIG-21: 27 फरवरी 2019 ये वो तारीख जिसे शायद ही कोई भारतीय भूल सके, क्योंकि यही वो दिन था जब पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-16 को तत्कालीन विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने उसकी ही सीमा में घुंसकर MIG-21 स्क्वाड्रन ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ से मार गिराया था। उनके इस अदम्य साहस के लिए उन्हें वीर चक्र देकर सम्मानित भी किया गया था। वहीं अब भारतीय वायुसेना उसी MIG-21 स्क्वाड्रन ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ को रिटायर करने की तैयारी में है। बता दें कि मिग-21 की गिनती भारत में सबसे ज्यादा समय तक अपनी सेवाएं देने वाला फाइटर जेट में की जाती है। यह स्वॉर्ड आर्म्स’ देश में मिग-21 की बची चार स्क्वाड्रंस में से एक है। अब आप सोच रहें होंगे कि आखिर पाकिस्तान के लड़ाकू विमान को धूल चटा देने वाले इस फाइटर जेट को क्यों रिटायर किया जा रहा है। तो चलिए जानते है इसके पीछे की वजह और MIG-21 स्क्वाड्रन ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें…

इसलिए रिटायर हो रहा MIG-21

MIG-21

मिग-21 को नंबर 51 स्क्वाड्रन या ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय वायुसेना के शानदार स्क्वाड्रनों में से एक रहा है। MIG-21 जेट चार दशक पहले भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था। रक्षा सूत्रों के अनुसार पिछले कई सालों से MIG-21 के कारण कई पायलट अपनी जान गंवा चुके है। ये कई छोटे-बड़े हादसों का शिकार होता रहा है। इस तरह की बढ़ती घटनाओं और पुराना होने के कारण इस फाइटर जेट चरणबद्ध तरीके से रिटायर करने का फैसला लिया गया है। इस विमान को 30 सितंबर को रिटायर किया जाएगा। इसके बाद मिग-21 के तीन और स्क्वाड्रंस रिटायर किए जाएंगे। बता दें कि MIG-21 के बाकी इन तीनों स्क्वाड्रनों को 2025 तक सेवानिवृत्त कर किया जाएगा।

बता दें कि अब तक करीब 400 मिग क्रैश हो चुके हैं। इन हादसों में 200 से ज्यादा पायलट और करीब 60 आम लोग अपनी जान से हाथ धो चुके है। भारत को 1963 में पहली बार सिंगल इंजन मिग-21 मिले थे। तब से अब तक इस रूसी फाइटर जेट के 874 वेरिएंट के जरिए इनकी कैपिसिटी बढ़ाई गई है।

जाने ‘MIG-21’ का इतिहास

सन 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर (कारगिल युद्ध) के दौरान ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ ने हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं विमान की अहम योगदान के लिए एक वायु सेना मेडल और तीन मेंशन-इन-डिस्पैच देकर इसे सम्मानित किया गया था। वहीं ऑपरेशन पराक्रम के दौरान इस स्क्वाड्रन को कश्मीर घाटी की वायु रक्षा की जिम्मेदारी में लगाया। इसे 1985 में चंडीगढ़ में स्थापित किया गया था।

MIG-21

पुलवामा हमले का लिया था बदला

26 फरवरी, 2019 को बालाकोट में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप पर और उनके हैलिपैड पर बमबारी कर उन्हें तबाह कर दिया था। पाकिस्तान ने 27 फरवरी को भारत को इस हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। लेकिन विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान इस हवाई हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनकी ही सीमा में घुस कर अपने MIG-21 बाइसन जेट से पाकिस्तान के F-16 फाइटर को मार गिराया था।

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