INS VIKRANT : आज नौसेना को मिला एक तैरता हुआ शहर, 5 देश ही बना पाए हैं ऐसा युद्धपोत, जानें इसकी खासियत
INS VIKRANT : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज केरल के कोच्चि (Kochi, Kerala) में नौसेना (Navy) को स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत (warship) आईएनएस विक्रांत (INS VIKRANT) की बड़ी सौगात दी। पीएम (PM) ने शुक्रवार को नौसेना को यह तैरता हुआ शहर आईएनएस विक्रांत (INS VIKRANT) समर्पित कर दिया। INS विक्रांत को भारतीय नौसेना में शामिल करने के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है, ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। बता दें कि, INS VIKRANT मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत बनाया गया है। यह अब तक का भारत (India) का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर शिप (Aircraft Carrier Ship) है। भारत से पहले सिर्फ पांच देशों ने 40 हजार टन से ज्यादा वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) बनाया है। यह भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जो वास्तव में एक गेम चेंजर (Game Changer) साबित होगा। आइए जानते है आईएनएस विक्रांत (INS VIKRANT) की खासियत…
INS Vikrant का क्षेत्रफल ढाई हॉकी मैदानों के बराबर
भारतीय नौसेना (Indian Navy) के टॉप अधिकारी मानते हैं कि विक्रांत (INS VIKRANT) के चालू होने से हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बढ़ेगी। विक्रांत के फ्लाइट डेक का क्षेत्रफल ढाई हॉकी मैदानों के बराबर है, जो मोटे तौर पर 12,500 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल है। विक्रांत में स्काई-जंप से सुसज्जित एक छोटा रनवे और एक लंबा रनवे है।
INS VIKRANT का वजन 45 हजार टन
इसमें बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी हैं, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से ज़्यादा एमएसएमई शामिल हैं। विक्रांत (INS VIKRANT) के चालू होने से भारत (India) के पास दो परिचालन विमान वाहक होंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे। विक्रांत को बनाने में 20,000 करोड़ की लागत आई है, जो 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है, और इसका वजन (Weight) 45,000 टन है।
मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल और बहुत कुछ
बताया गया है कि पोत के भीतर 15 डेक, एक मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल (Multi Specialist Hospital), एक पूल (Pool), एक किचन (Kitchen) और महिलाओं के लिए विशेष केबिन हैं, और ज़ाहिर है, जहाज में लड़ाकू विमानों को ले जाने, हथियार (Weapon) देने और पुनर्प्राप्त करने की तकनीक है। विक्रांत में 2,300 कंपार्टमेंट्स और इसको बनाने में 2,400 किलोमीटर केबल लगे हैं. जानकारी के मुताबिक़, इसमें आठ विशाल बिजली जनरेटर हैं और यह हर दिन चार लाख लीटर वॉटर जेनरेट कर सकता है.
विक्रांत की अन्य ख़ासियत
बताया गया है कि विक्रांत (INS VIKRANT) के 76 फीसदी घटक स्वदेशी हैं। विक्रांत कुल 88 मेगावाट बिजली के चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित हैं। यूएस नेवी कैरियर्स के विपरीत, विक्रांत का फ्लाइट डेक स्काई-जंप के साथ STOBAR (शॉर्ट टेक-ऑफ बट अरेस्ट रिकवरी) कॉन्फ़िगरेशन होगा, जो टेक-ऑफ के दौरान विमान को अतिरिक्त लिफ्ट देगा. फ्लाइट डेक पर अरेस्टर वायर टेल हुक को पकड़ते हैं जो प्लेन को रोकने का काम करते हैं. अगर पायलट तीनों वायर से चूक जाता है, तो उसे लैंडिंग के लिए एक और प्रयास करना होगा।