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कोरोना का Delta Plus Variant हमारे फेफडों के लिए कितना खतरनाक? तीसरी लहर पर बढ़ी चिंता

Delta Plus Variant | कोरोना वायरस की दूसरी लहर जिसने अप्रैल से जून के मध्य तक पूरे देश मे तबाही मचाई थी अब उसका असर धीरे-धीरे कम होने लगा है। दूसरी लहर के दौरान हर दिन नए मरीजों की संख्या और मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा था परंतु अब इसमें बहुत ज्यादा कमी आ चुकी है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कोरोना का असर खत्म हो चुका है बल्कि कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant) ने देश में अपने कदम पसारने शुरू कर दिए है।

भले ही देश मे कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस भले ही ज्यादा ना हो लेकिन इसके बढ़ते हुए आंकड़े डराने के लिए काफी है, कोरोना के इस नए प्रारूप का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में दिखाई दे रहा है जहां डेल्टा प्लस के 50 से ज्यादा मामलें सामने आ चुके है। कहा जा रहा है कि डेल्टा प्लस का असर फेफड़ों पर पड़ता है, आज हम ये जानने कि कोशिश करते है कि इसके बारें में विशेषज्ञ क्या कहते है।

Delta Plus Variant का फेफड़ों पर क्या होता है असर

Delta Plus Variant

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कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant) को लेकर स्वास्थ्य जगत से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के अन्य वेरिएंट की तुलना में डेल्टा प्लस फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर पर तेजी से चिपकता है। इसका ये मतलब बिल्कुल भी नही निकालना चाहिए कि ये बीमारीं ज्यादा गंभीर रूप ले सकती है, देश मे डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान सबसे पहले 11 जून को हुई थी। महाराष्ट्र समेत देश के 12 अलग-अलग राज्य कोरोना के इस नए वेरिएंट की चपेट में आ चुके है।

नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन इन इंडिया (NTAGI) के चीफ डॉ एन के अरोड़ा के अनुसार डेल्टा प्लस फेफड़ो की कोशिकाओं के संपर्क मे जल्द आ जाता है जिसके बाद ये फेफड़ो की म्युकस लाइनिंग के साथ जुड़ जाता है। परंतु इसके बारें में ये नहीं कहा जा सकता कि डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक या अधिक संक्रमण वाला होगा।

Delta Plus Variant के मामलों पर रखी जा रही है नजर

डेल्टा प्लस वेरिएंट

डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में फिलहाल कुछ भी ज्यादा कहना संभव नहीं होगा बल्कि जैसे-जैसे इसके मामलें बढ़ेंगे तो ही इसके बारे में कुछ कहना आसान रहेगा। उन्होंने आगे बताया कि भले ही डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले अभी कम दिखाई दे रहे हो क्योंकि इससे पीड़ित होने वाले लोगों को इसके लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन फिर भी वो डेल्टा प्लस संक्रमण को आगे बढ़ा रहे होते है।

क्या Delta Plus से आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर

डेल्टा प्लस वेरिएंट

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कोरोना के इस नए वेरिएंट डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant) से तीसरी लहर आ सकती है तो इसके बारे में डॉक्टर अरोड़ा के अनुसार इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। किसी भी वायरस की लहर के पीछे नए वेरिएंट होते है और डेल्टा प्लस एक नया वेरिएंट है तो शायद हो सकता है कि इस वजह से तीसरी लहर आ सकती है। लेकिन ये कुछ बातों पर निर्भर करेगा जैसेकि कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे तो डेल्टा प्लस की लहर आने पर उनमें केवल सर्दी-जुकाम जैसे मामूली लक्षण ही दिखाई दे सकते है।

इसके अलावा अगर हम देश के लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनशन करवा देंगे तो भी तीसरी लहर का खतरा कम हो सकता है। अगर किसी को वैक्सीन की दोनों डोज नही लगी है और सिर्फ 1 डोज ही लगी है तो भी उसे डेल्टा प्लस के वायरस से लड़ने के लिए इम्युनिटी मिलेगी। इसके अलावा डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के बारें में राज्यो को पहले ही बताया जा चुका है जिसे लेकर राज्यों ने युध्दस्तर पर तैयारियां भी शूरू कर दी है, तो उम्मीद है कि अगर तीसरी लहर आती भी है तो वो पहली दो लहरों की तरह खतरनाक ना हो।