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कोरोना के बीच यहाँ मिले मंकीपॉक्स वायरस के मामले, जाने कितनी खतरनाक है ये बीमारी

Monkeypox Virus | कोरोना महामारी की वजह से केवल 1 या 2 देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया इससे प्रभावित है, कोरोना वायरस ने सब देशों में भयंकर तबाही मचाई हुई है, भारत अभी कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। देश में कोरोना वायरस के अलावा ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और येलो फंगस के भी मामलें सामने आए है, हाल में ही इंग्लैंड के वेल्स में कोरोना के बाद एक और वायरस के कुछ केस मिलने से हड़कंप मच गया है।

जानकारी के अनुसार इंग्लैंड के वेल्स में एक अलग से वायरस से पीड़ित मरीजों के मिलने से दहशत का माहौल है, कोरोना के खौफ में जी रहें लोगों को इस खबर ने और भी ज्यादा डरा दिया है। आइये जानते है कि ऐसे कौन से वायरस से पीड़ित मरीज मिले है वेल्स में जिसकी वजह से पूरे देश में दहशत का माहौल है।

वेल्स में मिले मंकीपॉक्स के दो मरीज

मंकीपॉक्स वायरस

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वेल्स के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वेल्स के दो लोगों में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है, बताया जा रहा है कि ये दोनों लोग एक ही घर में रहते है, इसके अलावा ये भी जानकारी सामने आ रही है कि मंकीपॉक्स कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि ये एक काफी पुरानी बीमारी है और ये ज्यादातर अफ्रीका के देशों में पाई जाती है। स्वास्थ विभाग के मुताबिक इन दोनों मरीजों को इंग्लैंड के ही एक अस्पताल में एडमिट करवाया गया है।

दो मरीजों में से एक मरीज को तो अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है जबकि दूसरा मरीज अभी भी अस्पताल में ही भर्ती है, इंग्लैंड का स्वास्थ्य विभाग भी इस मामलें पर अपनी नजर बनाए हुए है। बताया जा रहा है कि इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए दोनों मरीजों के संपर्क में आये लोगों की पहचान की जा रही है।

क्या मंकीपॉक्स है लोगों के लिए खतरनाक?

वेल्स स्वास्थ्य विभाग में बतौर सलाहकार रिचर्ड फर्थ ने बताया है कि देश में मंकीपॉक्स के मामलें मिलना एक बेहद ही दुर्लभ घटना है, आगे उन्होंने ये भी बताया कि आम लोगों के लिए ये वायरस कम खतरनाक है। बताया जाता है कि मंकीपॉक्स वायरस एक हद तक स्मॉलपॉक्स के वायरस के समान ही होता है, ये बीमारी कम संक्रमित होने के कारण ही ज्यादा खतरनाक भी नहीं होती है।

इस वायरस के बारे में ये भी कहा जा रहा है कि ये वायरस ज्यादातर उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के पास, पश्चिमी अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी देशों के दूर-दराज हिस्सों में ही पाया जाता है, मंकीपॉक्स वायरस को मुख्य रूप से दो वर्गों में बांटा गया है जिसे पश्चिम अफ्रीकी मंकीपॉक्स और मध्य अफ्रीकी मंकीपॉक्स कहा जाता है।

क्या होते है मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण

मंकीपॉक्स

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अगर मंकीपॉक्स के लक्षणों की बात की जाए तो इसमें बुखार, कमर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द एवं अकड़न, सूजन, सिरदर्द इत्यादि है, इस वायरस में शरीर पर चिकनपॉक्स की तरह ही दाने हो जाते है। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद व्यक्ति को बुखार आने लगता है और पूरे शरीर मे दाने बढ़ने लगते है और इनकी शुरुआत चेहरे से ही होती है।

मंकीपॉक्स में दाने हाथों और पैरों के तलवों पर भी होने लगते है, किसी भी इंसान में ये वायरस 14 दिनों से लेकर 21 दिनों तक रहता है, इस वायरस के अधिकतर मामले बेहद ही हल्के लक्षण वाले होते है और कई बार चेचक की तरह भी दिखाई देता है। वैसे तो मंकीपॉक्स अधिक गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन कभी-कभी मंकीपॉक्स के मामलें अधिक गंभीर भी हो जाते है, अफ्रीका के पश्चिमी हिस्से में इस बीमारी से कुछ मौतें हो चुकी है। फिलहाल अभी इंग्लैंड में इसके दो ही मामलें सामने आए है और सबको यही उम्मीद है कि ये बीमारी ज्यादा ना फैले और अधिक लोगों को संक्रमित ना करें।