मार्गशीर्ष अमावस्या 2018: जानें, क्या है मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व, पूजन विधि
मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता हैं और यह अमावस्या मार्गशीर्ष माह में पड़ता हैं| कार्तिक माह की अमावस्या से इस अमावस्या का महत्व कम नहीं हैं| जिस तरह से कार्तिक माह की अमावस्या को देवी माँ लक्ष्मी की पूजा कर दिवाली मनाई जाती हैं, ठीक उसी प्रकार ही इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता हैं| अमावस्या होने के कारण स्नान, दान-पुण्य और अन्य धार्मिक कार्य किए जाते हैं| इतना ही नहीं इस दिन पितरों के कार्य विशेष रूप से सम्पन्न किए जाते हैं और यह दिन पूर्वजों के पूजन का दिन होता हैं और मार्गशीर्ष अमावस्या इस साल 7 दिसंबर यानि आज हैं|
यह भी पढ़ें : अगहन मास के दौरान तुलसी की जड़ की मिट्टी को शरीर पर लगाकर करें नदी में स्नान, श्रीकृष्ण बरसाएंगे अपनी कृपा
व्रत विधि और महत्व
इस अमावस्या को लेकर ऐसी मान्यता हैं कि सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष की प्रथम तिथि को ही वर्ष का प्रारम्भ किया था और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत महत्व हैं| विष्णु पुराण के मुताबिक श्रद्धा भाव से अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण ही तृप्त नहीं होते बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, पशु-पक्षी और समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं|
ऐसा माना जाता हैं कि इस दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश दिया था| इसलिए भी यह अमावस्या अत्यंत लाभकारी और पुण्य फलदायी मानी जाती है| इस दिन का व्रत करने से व्यक्ति के कुंडली मे से पितृ दोष समाप्त हो जाते है और निसंतानों को संतान प्राप्ति के योग भी बनते हैं| यदि किसी के भाग्य स्थान में राहू नीच का होकर परेशान कर रहा हैं तो वह भी समाप्त हो जाता हैं|
पूजा विधि
ऐसी मान्यता हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन श्रीकृष्ण की प्रिय यमुना नदी में स्नान करने से महा पुण्यफल की प्राप्ति होती हैं और व्यक्ति के जीवन से सभी दुख दूर हो जाते है| इस अमावस्या के दिन व्रत-उपवास रखे और इसके साथ भगवान श्री सत्यनारायाण भगवान की कथा का पाठ भी करे| इतना ही नहीं जो इस दिन विधि-विधान से पूजा करते हुए व्रत रखता हैं और वो दान-दक्षिणा भी देता हैं तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं|
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि- 7 दिसंबर 2018
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि का आरंभ- 6 दिसंबर को 12 बजकर 12 मिनट से होगा और मार्गशीर्ष अमावस्या का समापन- 7 दिसंबर को 12 बजकर 50 मिनट तक होगा|