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यहां जानें, चैत्र नवरात्र के क्या है व्रत नियम व पूजा विधि

यहां जानें, चैत्र नवरात्र के क्या है व्रत नियम व पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 6 अप्रैल 2019, शनिवार से हो रहा हैं और इस दिन प्रतिपदा हैं| इस दिन से लोग देवी दुर्गा की नौ दिनों तक पूजा-अर्चना करके उन्हें प्रसन्न करते हैं ताकि उनकी सभी मनोकामना पूरी हो सके| देवी माँ की नौ दिनों तक आराधना करने के लिए कलश स्थापना की जाती हैं और कलश स्थापना चैत्र नवरात्रि के प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहुर्त में करना श्रेष्ठ माना जाता हैं| इस दिन रेवती नक्षत्र भी है। ऐसे मे आज हम आपको चैत्र नवरात्रि का व्रत नियम और पूजा विधि बताने जा रहे हैं, जिसका पालन करके आप देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सके|

यहां जानें, चैत्र नवरात्र के क्या है व्रत नियम व पूजा विधि

चैत्र नवरात्र व्रत नियम और पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि का व्रत करने से पहले आप व्रत का संकल्प ले और फिर नवरात्रि का व्रत करे| यदि आप स्वस्थ्य हैं, तभी व्रत का संकल्प ले, वरना व्रत ना करे क्योंकि व्रत करने के बाद आप अपनी दिनचर्या का पालन जरूर करे और देवी माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करे| व्रत के दौरान आप सिंघाड़े के आटे का सेवन कम करे और यदि करना ही हैं तो आप सूखा सिंघाड़ा बाजार से घर लाये और फिर उसे पीस करके उसका इस्तेमाल करे| इसके अलावा आप साबूदाने का इस्तेमाल ना करे|

नवरात्रि का व्रत करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान दे, इस दौरान तामसिक भोजन का सेवन ना करे| यदि आप स्वस्थ्य नहीं हैं और फिर भी आप नवरात्रि का व्रत करना चाहती हैं तो आप पहले दिन और आठवें दिन का व्रत कर ले, ऐसा करने से भी आपको देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त होगा, रोज के बिस्तर पर ना सोये| चैत्र नवरात्रि की पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है और फिर माँ दुर्गा की मूर्ति को घर की मंदिर के बीच में स्थापित करे|

इसके बाद साड़ी, आभूषण, चुनरी, रोली, माला, सुहाग, चावल और फूल से माँ दुर्गा का श्रृंगार करें| देवी माँ की मूर्ति स्थापित करने के बाद आप अपने घर में कलश की स्थापना करे और फिर नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की आराधना करे, नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक दुर्गासप्तशती का पाठ जरूर करे|  इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त में श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता हैं क्योंकि इसके पाठ से दहिक और दैविक दोनों तरह के भौतिक पापों का नाश होता हैं| अर्थात देवी की पूजा मौन धारणा करके कभी ना करे बल्कि उनकी पूजा करते समय किसी ना किसी मंत्र का जाप अवश्य करे|

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यहां जानें, चैत्र नवरात्र के क्या है व्रत नियम व पूजा विधि

पूरे नवरात्रि में देवी दुर्गा के मंदिर जाकर उनका विधिवत पूजन और दर्शन करे क्योंकि ऐसा करने से आपको माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं|
नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी की पूजा-अर्चना करे और अंतिम दिन हवन अवश्य करे, इस बीच आप दुर्गासप्तशती के किसी भी मंत्र को सिद्ध कर सकते हैं। यदि आप मनोवांछित फल प्राप्त करना चाहते हैं तो माँ के मंत्रो का उच्चारण विधि-विधान पूर्वक करे और फिर उनका आशीर्वाद प्राप्त करे क्योंकि देवी माँ ही आपके सभी दुखों का नाश करेंगी और फिर आपको सुख प्रदान करेंगी|

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