करीब 6 साल तक गुफा के अंदर फंसा था ये जानवर, बाहर निकला तो हो गई थी ऐसी हालत
आज हम आपको एक आशचर्यजनक बात बताने जा रहे है जिसके बारे में जानने के बाद आप आशर्यचकीत हो जाएगे की क्या ऐसा भी हो सकता है। प्राचीन समय से ही भेंड़ पालन का व्यवसाय रहा है। इसे मांस, ऊन और दूध के लिए पाला जाता है, इसकी खाद भूमि को काफी उपजाऊ बनती है। ऐसे ही एक भेड़ के बारे में हम आपको बताने जा रहे है, ये घटना न्यूजीलैंण्ड की है।
1997 की बात है एक भेंड़ अपने ऊन कतरने से बचने के लिए एक गुफा में जाकर छिप गई थी, वो भेंड़ 6 साल तक गुफा के अंदर छिपी रही। उस समय वो भेंड़ काफी चर्चा में थी, जब उस ये घटना न्यूजीलैंण्ड की है। 1997 की बात है एक भेंड़ अपने ऊन कतरने से बचने के लिए एक गुफा में जाकर छिप गई थी। वो भेंड़ 6 साल तक गुफा के अंदर छिपी रही, उस समय वो भेंड़ काफी चर्चा में थी।
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जब उस भेंड़ का पता छः साल बाद चला तो भेंड़ के शरीर पर इतने ऊन जमा हो गए थे की उस ऊन से लगभग 20 सूट बन सकते थे। उसके शरीर पर 60 पाउंड तक ऊन जमा हो गए थे। ये भेड़ अपने ऊन के बचाव के लिए ही छः साल तक गुफा के अंदर रही। ऐसा माना जाता है की वह तभी गुफा से बाहर आई होगी जब उसे व्ही तकलीफे होने लगी, उसे एहसास होने लगा होगा की वहाँ उसकी तबीयत खराब होने वाली होगी।
उस गुफा में गर्मी और तमाम तरह की परेशानियाँ आई होगी तब जाकर वह भेंड़ गुफा के बाहर आया। भेंड़ पालक अपने फायदे के लिए भेंड़ को पालते थे उन्हें भेंड़ से ऊन तथा मांस मिलता था। भेंड़ प्रतिवर्ष एक मेमने भी देती थी। भेंड़ ऐसे जगह चरती है जहाँ की भूमि कृषि के लिए ठीक नहीं है , बेकार और बेफिजूल घास, खरपतवार खाकर अपना पेट भरती है। लेकिन आप ही सोचो की क्या ये सही है की अपने लाभ के लिए जानवरो का इस्तेमाल करना, इस भेंड़ के साथ भी ऐसा ही हुआ किन्तु इस भेंड़ ने इससे बचने के लिए 2011 में गुफा में जाकर शरण ली।
इस भेंड़ की एंटी चर्चा हुई की ये भेड़ खास हो गई। और तभी इसका नाम ‘क्षेक’ रखा गया। क्षेक एक मूवी का किरदार है जो की एनिमेटेड मूवी थी। उस भेड़ की मृत्यू 17 साल की उम्र में बीमारी से हो गई। क्षेक के मरने का शोक पुरे देश में मनाया था।