खाता धारक की मृत्यु के बाद बैंक में जमा पैसे Nominee को नहीं मिलते, जानें आखिर किसका होता है हक़
जब भी हम कही पर बैंक खाता खुलवाते हैं या कभी कोई एफडी करवाते हैं तो हम उसमे किसी को Nominee अवश्य बनाते हैं, अक्सर नॉमिनी इसलिए बनाया जाता हैं कि मृत्यु होने की परिस्थिति में Nominee को पैसा दे दिया जाता हैं। इसके अलावा संपत्ति के मामले में वारिस बनाया जाता हैं, तो मृत्यु होने पर वो संपत्ति वारिस को सौंप दी जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Nominee हमेशा के लिए उस पैसे का हकदार नहीं होता जिसमे उसे नॉमिनी बनाया जाता हैं।
जी हां भले ही किसी ने अपने बैंक अकाउंट में अपने रिश्तेदार को नॉमिनी बनाया हो लेकिन उसकी मृत्यु होने की स्थिति में उसके बैंक अकाउंट में मौजूद पैसे पर Nominee का अधिकार नहीं रहता है। आज के इस लेख में हम आपको इस बारे में ही बताने जा रहे हैं कि आखिरकार नॉमिनी होने पर भी क्यों उसको पैसे पर अधिकार नहीं होता।
क्या होता हैं Nominee होने का अर्थ
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एक रिपोर्ट के अनुसार जब हम कही पर अपने पैसे निवेश करते हैं या कहीं पर अपना बैंक खाता खुलवाते हैं तो उस समय हमें फॉर्म में जिस व्यक्ति को Nominee बनाना चाहते हैं उनका नाम लिखना होता हैं। नॉमिनी का मतलब ये होता हैं कि अगर खाताधारक की किसी वजह से मृत्यु हो जाती हैं उसके खाते में मौजूद पैसों को Nominee के सुपुर्द कर दिया जाता हैं
यहां पर समझने वाली बात ये हैं कि भले ही नॉमिनी को पैसा मिल जाता हैं लेकिन वो उन पैसों का असली हकदार नहीं होता हैं, अगर कानून की भाषा मे बात करे तो Nominee एक तरह से ट्रस्टी का किरदार निभाता हैं। बैंक खाते में मौजूद या निवेश किये गए पैसे नॉमिनी को इसलिए दिए जाते हैं कि वो उनका ध्यान रखें ना कि उनका इस्तेमाल करें।
Nominee नहीं तो कौन होता हैं असली मालिक
जब किसी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु होती हैं जिनके पास जमीन या संपत्ति होती हैं तो उनकी संपत्ति या जमीन पर मालिकाना हक उस व्यक्ति के वारिस या उत्तराधिकारी को दे दिया जाता हैं, इसी प्रकार बैंक खाते या एफडी में भी मौजूद पैसों पर मालिकाना हक वारिस का ही होता हैं।
भले ही खाते में किसी को नॉमिनी बनाया गया हो लेकिन पैसे मिलने के बाद नॉमिनी को पैसे उत्तराधिकारी को ही सौंपने होंगे। हालांकि कुछ निवेश स्कीम और फंड स्कीम में Nominee को मिलने वाले पैसों पर असली हक Nominee का ही होता हैं।
कब हो सकता हैं Nominee असली मालिक
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बैंक खातों और निवेश स्कीम के अलावा अगर जब हम कोई बीमा करवाते हैं तो उसमें बनाए गए नॉमिनी को ही असली मालिकाना हक दिया जाता है, इंश्योरेंस पॉलिसी में जिस भी व्यक्ति का नाम Nominee के तौर पर लिखा होता हैं तो पॉलिसी धारक की मृत्यु की दशा में नॉमिनी को बीमा का पैसा दे दिया जाता हैं। इस तरह के नॉमिनी को बेनेफिशियल नॉमिनी कहा जाता हैं
इसके अलावा कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में भी बीमा कंपनियों की तरह नॉमिनी को ही मालिकाना हक दिया जाता हैं, जब पीएफ खाता खोला जाता हैं तो उस समय फॉर्म में जिस व्यक्ति का नाम बतौर नॉमिनी लिखा जाता हैं तो उस पीएफ खाताधारक की मृत्यु की परिस्थिति में नॉमिनी को पीएफ का पैसा दिया जाता हैं।