Term Insurance लेने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, वरना पड़ सकते हैं लेने के देने
Term insurance | इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में आज हर कोई अनेक प्रकार की चिंताओं से घिरे हुए हैं। आज हर कोई अपने परिवार को पालने के लिए बेइंतहा मेहनत कर रहा है। इस दौड़ भाग भरी जिंदगी ने लोगों को कमजोर बना दिया है और इन्हीं अनिश्चताओं का सामना करने के लिए लोग Term Insurance का सहारा लेते हैं मगर टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले कुछ बातें जान लेना बेहद जरूरी है।
क्या है Term Insurance
Term Insurance पॉलिसी का सबसे शुद्ध रूप होता है, जीवन बीमा लेने का सबसे सरल तरीका टर्म इंश्योरेंस ही होता है। इसमें बीमा लेने वाला व्यक्ति एक निश्चित समय तक प्रीमियम का भुगतान करता रहता है। यदि निश्चित अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो सम एश्योर्ड या एक मुश्त राशि उसके परिवार या नॉमिनी को दे दी जाती है। टर्म प्लान में हर साल मामूली प्रीमियम देने के बाद आपको कुछ विशेष सालों के लिए कवर उपलब्ध करवाया जाता है। आमतौर पर टर्म पॉलिसी 10 साल,15 साल, 20 साल, 25 साल और 30 सालों के लिए ली जाती हैं।
पहले जान लें ये जरूरी बातें
- Term Insurance लेते समय सबसे जरूरी है एक सही कंपनी का चुनाव। किसी भी कंपनी में इंश्योरेंस कराने से पहले उसके पुराने रिकॉर्ड, कंपनी की सर्विसेज, भुगतान का तरीका और उसकी वर्तमान वित्तीय स्थिति जरुर जान लें।
- टर्म इंश्योरेंस खरीदने से पहले आपको कवर करने वाली रकम तय कर लेनी चाहिए। जिससे आपके नहीं रहने पर आपके परिवार की आर्थिक जरूरतें उस राशि से पूरी हो जाए। कवर की राशि का चयन करना सबसे महत्वपूर्ण काम होता है।आप कवर की राशि की गणना ऑनलाइन भी कर सकते हैं। बहुत सारे ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध हैं, जिसमें आप अपनी आय, पेशा के अनुसार कवर की राशि की गणना कर सकते हैं।
- Term Insurance प्लान के चयन में पॉलिसी की अविध का चयन सोच समझकर करें। अगर आप कम उम्र में पॉलिसी ले रहे हैं तो सबसे लंबी अवधि की पॉलिसी का चुनाव करें। इससे आपको कम प्रीमियम में पॉलिसी खरीदने का भी मौका मिल जाएगा।
- Term Insurance पॉलिसी की खरीदारी आप एजेंट से या ऑनलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं। पर अगर आप सीधे कंपनी की वेबसाइट या एग्रिगेटर वेबसाइट के माध्यम से करते हैं तो आपको कम प्रीमियम देना भी पड़ सकता है। वहीं, एजेंट से इंश्योरेंस लेने पर अधिक प्रीमियम देना पड़ता है।
इन वजहों से कैंसिल हो सकता है Term Insurance का क्लेम
- अगर पॉलिसीधारक की हत्या हो जाए और उसमें नॉमिनी का हाथ होने की भूमिका सामने आए या उस पर हत्या का आरोप हो, तो कंपनी क्लेम नहीं देती।
- अगर टर्म पॉलिसी लेने वाला शराब के नशे में ड्राइव कर रहा हो या उसने ड्रग्स लिया हो तो इस स्थिति में मृत्यु होने की स्थिति में बीमा कंपनी टर्म प्लान की क्लेम राशि देने से इंकार कर सकती है।
- अगर टर्म पॉलिसी लेने से पहले से व्यक्ति को कोई बीमारी है और उसने पॉलिसी लेते हुए बीमा कंपनी को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं दी तो उक्त बीमारी से मौत होने पर बीमा कंपनी टर्म प्लान का क्लेम रिजेक्ट कर सकती है।
- कुछ बीमा कंपनियां आत्महत्या के मामले में कवरेज देती हैं कुछ नहीं देती हैं।