भारत का सबसे छोटा और Pollution Free Hill Station, इसकी खूबसूरत वादियां आपको कर देंगी मोहित
Lifestyle Desk: अगर आप भी घूमने-फिरने के शौकीन है और नई-नई जगहों को देखना और उन्हें जानने में दिलचस्पी रखते है। तो फिर आज हम आपको भारत (India) के बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन (Hill Station) के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां कि खूबसूरत वादियां आपका मोहित कर देंगी। दरअसल, हम बात कर रहें है भारत के सबसे छोटे हिल स्टेशन की, जो अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए के जाना जाता है। यह देश का पहला ऐसा हिल स्टेशन है जिसे Pollution free Hill Station का दर्जा प्राप्त है। खास बात यहां पेट्रोल (Petrol) और डीजल से चलने वाले वाहनों पर पाबंदी है। वाहनों की जगह यहां तांगा, घोड़े, साइकिल रिक्शा चलते है। तो चलिए जानते है कि कहां स्थित है हिल स्टेशन (Hill Station) और इससे जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में….
कहाँ स्थित है Hill Station
हम बात कर रहे है, महाराष्ट्र (Maharashtra) के रायगढ़ जिले में स्थित माथेरान हिल स्टेशन (Matheran Hill Station) के बारे में। जहां पहुंचने का सफर बहुत रोमांचक है। यहां टूरिस्ट अपनी जान हथेली पर रखकर घूमने जाते हैं। माथेरान में बादलों के बीच से गुजरते रास्ते, पहाड़ों से गिरते झरने बेहद मनमोहक लगते हैं। वहीं घाटियां, ढलाने, पठार और मैदान अपनी अलग छटा बिखेरते हैं। समुद्र तल से 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित देश के इस सबसे छोटे हिल स्टेशन की खोज मई 1850 में ठाणे जिले के कलेक्टर ह्यूज पोयन्ट्स मलेट ने की थी।
उस समय इसे ब्रिटिश सरकार ने अपने अधिकारियों के लिए गर्मियों की छुट्टियां (Vacations) बिताने के लिए विकसित किया था। यहां आने का सबसे अच्छा मौसम है मानसून। यहां फैला कोहरा, हवा में तैरते बादल और भीगा-भीगा मौसम एक अलग ही समां बांधता है। इसके अलावा माउंट बेरी और शारलॉट लेक भी यहां के मुख्य आकर्षण हैं।
कैसे पहुंचे
यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है नेरल स्टेशन जो यहां से 9 किलोमीटर दूर स्थित है। इस स्टेशन (station) के आगे वाहन ले जाना वर्जित है। लेकिन, यहां पहुंचने का सबसे अच्छा साधन टॉय ट्रेन है। टॉय ट्रेन के साथ वादियों का सफर आपकी यात्रा को और भी खास बनाता है।
माथेरान महाराष्ट्र (Matheran Hill Station) के रायगढ़ जिले में स्थित है। खतरनाक रास्ता होने के कारण यहां किसी भी तरह की गाड़ी ले जाना मना है। टूरिस्ट को यहां पहुंचने के लिए ट्वॉय ट्रेन का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि ऊंचे पहाड़ों के किनारे कठिन रास्तों से होकर गुजरती है। यहां के रेल ट्रैक काफी घुमानदार है और उसके किनारे बेहद खतरनाक खाई है। यहां का सफर करना मतलब जान जोखिम में डालना। इस ट्रैक पर ट्रेन चलाने के लिए ड्राइवर को खास ट्रेनिंग दी जाती है। ड्राइवर बड़ी सावधानी से ट्रेन को चलाता है। वहीं, पर्यटकों को भी इस रूट पर सावधानी बरतने की चेतावनी दी जाती है।
पूरे साल यहां पर प्रकृति के नजारे देखने को मिलते हैं। यहां की सड़के कच्ची है, इसलिए बारिश के मौसम में फिसलने का खतरा रहता है। वहीं, बारिश के मौसम में यहां के पहाड़ वाटर फॉल में बदल जाते हैं। माथेरान को पॉल्यूशन फ्री हिल स्टेशन भी कहते है। यहां पर सवारी के लिए घोड़े, खच्चर, हाथ से खींचने वाले रिक्शे और पालकी उपलब्ध है। आप चाहें तो पैदल चलकर भी हिल स्टेशन का मजा ले सकते है। यहां देखने के लिए कई जगहें हैं, जिसमें लुइसा पॉइंट, चार्लोट झील और मंकी पॉइंट काफी फेमस जगहें हैं। आप यहां जाकर अपनी छुट्टियों को खूब एन्जॉय कर सकते हैं।
माथेरन के बारे में एक और अनोखा और सबसे दिलचस्प फैक्ट इसकी टॉय ट्रेन (Toy Train) है। यहां की टॉय ट्रेन, 1907 ई. में सर आदमजी पीरभॉय द्वारा बनाई गई थी, जो नेरल से माथेरान तक वन क्षेत्र के बड़े क्षेत्रों में 20 किमी की दूरी तय करती है। माथेरन लाइट रेलवे के रूप में भी जाना जाता है, जो महाराष्ट्र में एकमात्र खिलौना ट्रेन है। तकनीकी समस्याओं के कारण मई 2016 में इसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन जनवरी 2018 से इसे फिर से शुरू कर दिया गया। टॉय ट्रेन में यात्रा करना सबसे यादगार अनुभव होता है, इसे आप माथेरन ट्रिप में भी शामिल कर सकते हैं।