Prone Position: सांस लेने में हो रही तकलीफ तो घबराए नहीं, प्रोन पोजीशन है बेहद मददगार
Health Desk | देश में कोरोना का स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है, संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। जिसके चलते देशभर में हाॅस्पिटल ,डाक्टर, दवाईयों और खासकर आक्सीजन की भारी कमी हो गई है। बीते करीब तीन दिनों से देश के कई राज्यों से आक्सीजन की कमी के कारण संक्रमितों के मरने की खबरें सामने आ रही है। ऐसे में सरकार लोगों को लगातार ये बता रही है कि घर पर रह कर भी कोरोना से जीता जा सकता है। डाॅक्टरों के अनुसार यदि आपका आक्सीजन का स्तर 90 से 94 के बीच है तो आप घर पर ही कुछ खास व्यायाम के जरिए ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन कर सकते हैं। जी हां घर पर प्रोन पोजिशन (Prone Position) से आप खुद अपना ऑक्सीजन लेवल मेंटेन कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है प्रोन पोजीशन
Prone Position की वास्तविकता
आमतौर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि 95 प्रतिशत या उससे अधिक ऑक्सीजन लेवल हेल्दी होता है। प्रोन पोजिशन (Prone Position) कितना असरदार है ये दिखाने के लिए एक ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर कर बताया है कि बैठे हुए जहां उस व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल ऑक्सीमीटर में 95 दिखा रहा था। वहीं, प्रोन पोजिशन के एक मिनट बाद ही ये स्तर 98 के आसपास चला गया।
कैसे बनाएं Prone Position
प्रोनिंग पोजीशन (Prone Position) के लिए सबसे पहले आप 4 से 5 तकिया लें। एक तकिया गर्दन के नीचे रखें, एक दो छाती पर रखें, एक अपर थाई पर रखें और दो तकिया लोअर पंजों के निचले हिस्से में रखें। आप सबसे पहले सभी तकिया को ऊपर बताई गई जगहों पर रखें और आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद आप आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक दाहिने करबट में लेटें। आप सिटिंग पोजीशन में बैठे। फिर आप दाहिने करबट लेटें। आप दुबारा पेट के बल लेटें। आप हर थोड़ी देर में अपनी पोजीशन बदलते रहें।
प्रोनिंग पोजीशन पर विषेशज्ञों की राय
हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर और फेफड़ों तथा क्रिटिकल केयर के मेडिसिन एक्सपर्ट पानागिस गालियातस्तोस ने बताया कि अधिकांश कोविड-19 मरीजों के फेफड़ों तक पर्याप्त आक्सीजन नहीं पहुंच पाता और इसी से खतरा पैदा होता है। जब ऐसे मरीज़ों को ऑक्सीजन दी जाती है तो वह भी कई बार पर्याप्त नहीं होता। ऐसी स्थिति में हम उनको पेट के बल लिटाते हैं, चेहरा नीचे रहता है, इससे उनका फेफड़ा बढ़ता है। गालियातस्तोस के मुताबिक, इंसानी फेफड़े का भारी हिस्सा पीठ की ओर होता है इसलिए जब कोई पीठ के बल लेटकर सामने देखता है तो फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचने की संभावना कम हो जाती है। अर्थात ये एक कारगर तरीका है इंस्टेंट ऑक्सीजन लेवल कंट्रोल करने का।
कब न करें Prone Position
- खाने के कम से कम 1 घंटे बाद करें।
- जब तक कम्फर्टेबल लगे तभी तक इस पोजीशन में रहें।
- प्रेगनेंसी में इस पोजीशन का प्रयोग ना करें।
- 48 घंटे के बाद भी दिक्कत हो तो डॉक्टर की सलाह लें।
- मेजर कार्डियक प्रॉब्लम हो तो ना करें।
- स्पाइनल कॉड में इंज्यूरी, पेल्विक फ्रैक्चर आदि हो तो ना करें।