Raj Kapoor से Amitabh Bacchan तक, वे मशहूर मेकर्स जो Film बनाते-बनाते हो गए कंगाल
Raj Kapoor : हिंदी फिल्मों (Flims) का इतिहास करीब 110 वर्ष पुराना है अब तक ब्लैक एंड वाइट से रंगीन फिल्मों (Films) तक पर्दे पर हर तरह की हजारों फिल्में बन चुकी है। पहले निमार्ताओं को फिल्म को बनाने में अच्छा खासा समय लग जाता था, एक सीन कई कई दिनों में शूट होता था। वहीं कुछ निमार्ताओं (Makers) को तो फिल्म बनाने का ऐसा जुनून था कि वो अपनी सारी जमा पूंजी (Capital) लगा देते थे। आज हम आपको ऐसे कई फेमस फिल्म मेकर्स (Famous Film Makers) के बारे में बताएंगे, जो फिल्म (Film) बनाने में भारी कर्च में डूब गए कुछ तो बिल्कुल ही कंगाल हो गए और उन्हें संभलने में एक लंबा वक्त लगा। तो चलिए जानते है इनके बारे में….
कर्ज में डूब गए थे Raj Kapoor
साल 1970 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म मेरा नाम जोकर (Mera Naam Joker) आज भी खूब पसंद की जाती है। इस फिल्म को बनने में छह साल लगे थे और राजकपूर का घर तक गिरवी रख दिया गया था। राज कपूर (Raj Kapoor) ने सोचा था कि फिल्म बहुत बड़ी हिट होगी लेकिन यह रिलीज होते ही औंधे मुंह गिर गई थी। इसके बाद राज कपूर पर भारी कर्ज हो गया था। इस कर्ज को उतारने के लिए राज कपूर ने 1973 में डिंपल कपाड़िया और ऋषि कपूर को बॉबी में लॉन्च किया।
कर्ज में डूब गए थे Amitabh Bachchan
सुपरस्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) 1999 में दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए थे। अमिताभ बच्चन का जादू पर्दे पर आज तक चल रहा है लेकिन जब उन्होंने अपनी कंपनी अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ABCL) के बैनर तले फिल्म (Film) बनाने की कोशिश की तो वह बुरी तरह से कर्जे में डूब गए। बिग बी पर 90 करोड़ का कर्जा था और नौबत यहां तक आ गई थी कि लोग अपने पैसे मांगने अमिताभ के घर तक आने लगे थे। एक बार तो घर ‘प्रतीक्षा’ (Pratiksha) की कुर्की करवाने के लिए भी कुछ लोग आ धमके थे।
K. Asif का जुनून थी मुगल-ए-आजम
5 अगस्त 1960 को रिलीज हुई सदी की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार मुगल-ए-आजम (Mughal E- Azam) ऐसी फिल्म थी जिसे बनाने में डायरेक्टर ने सारी दौलत और जिंदगी के 14 साल खर्च किए। उस वक्त मुगल-ए-आजम 1.5 करोड़ में बनकर तैयार हुई थी, जिसे आज के दौर में बनाने में तकरीबन 40 करोड़ से भी ज्यादा की लागत लगती। यह एक ऐसी फिल्म है जिसका निर्माण अंग्रेजों के शासन में शुरू हुई थी और पूरी तब हुई जब भारत आजाद हो गया था। जिस समय मुगल-ए-आजम बनी थी उस वक्त फिल्में 10 से 15 लाख में बन जाया करती थीं। के आसिफ इस फिल्म (Film) के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते थे। यही वजह थी कि उन्होंने पूरे परफेक्शन के साथ इसे बनाया। इस फिल्म में कास्टिंग से लेकर संगीत तक के लिए आसिफ खुद सब तय करते थे। उन्होंने इस फिल्म के लिए 72 गाने (Song) लिखवाए थे। जबकि इस फिल्म का फेमस गाना ‘जब प्यार किया तो डरना क्या’ (jab Pyar Kiya To Darna Kya) 105 घंटे में लिखा गया था। इस गाने को शूट करने में 10 लाख रुपये खर्च हो गए थे।
Shashi Kapoor खा गए झटका
शशि कपूर ने 1991 में फिल्म अजूबा बनाई। उन्होनें अपना सब कुछ इस फिल्म पर लगा दिया था। 8 करोड़ के बजट से बनी फिल्म 4.5 करोड़ ही कमा सकी। फिल्म चली नहीं और शशि कपूर इस घाटे से कभी उबर नहीं पाए। इसके बाद उन्होने कोई फिल्म नहीं बनाई।
Boney Kapoor की भी हालत हुई बेकार
1993 में माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर की फिल्म “रूप की रानी और चोरों का राजा” रिलीज हुई लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई थी। इस फिल्म को बनाने में लगभग 6 साल का समय लगा था। बोनी कपूर ने 10 करोड़ के बजट से ये फिल्म बनाई लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। इसके बाद बोनी कपूर भारी नुकसान में आ गए।