काशी का 186 करोड़ का रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, भारत-जापान की दोस्ती का मिसाल है, जानें इसकी खासियत
देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में भारत-जापान दोस्ती की मिसाल ‘रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर’ बनकर तैयार है। जापान के सहयोग से वाराणसी में बनने वाले इस कन्वेंशन सेंटर का 90 फीसदी तक काम पूरा हो चुका है। नए साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी को इस हाइटेक कन्वेंशन सेंटर की सौगात देंगे। इस सेंटर के बाहरी हिस्से में एल्युमिनियम के 108 बड़े रुद्राक्ष लगाए गए हैं, जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं।
186 करोड़ की लागत से तैयार इस हाइटेक कन्वेंशन सेंटर में देसी संग विदेशी सैलानी गीत, संगीत, नाटक और प्रदर्शनी का लुत्फ उठा सकेंगे। तीन एकड़ में तैयार यह कन्वेंशन सेंटर दुनिया के अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। इस कन्वेंशन सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की ये है खासियत
कन्वेंशन सेंटर में लगने वाली कुर्सियां वियतनाम से मंगाई गई हैं। बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाले दो कॉन्फ्रेंस हॉल भी बनाए गए हैं। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम किया गया है। रुद्राक्ष सेंटर के दोनों मुख्य दरवाजों पर 6-6 व्हील चेयर का इंतजाम है। कन्वेंशन सेंटर के चारों ओर आकर्षक गार्डन तैयार होगा। इसके अलावा बेसमेंट में 120 गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है।
सुरक्षा के लिहाज से इस कन्वेंशन सेंटर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इसके अलावा रुद्राक्ष को वातानुकूलित करने के लिए इटली से उपकरण मंगाया गया है। निर्माण में लगे सारे उपकरण को ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट की ओर से तीसरी ग्रेडिंग मिली है।
साल 2015 में पड़ी थी नींव
भारत-जापान दोस्ती की मिसाल इस हाइटेक कन्वेंशन सेंटर की नींव साल 2015 में पड़ी थी। उस वक्त पीएम मोदी जापान के पीएम शिंजो अबे के साथ वाराणसी आए थे। इसी दौरान दोनों पीएम के बीच इस कन्वेंशन सेंटर को लेकर चर्चा हुई थी। रुद्राक्ष को तैयार करने का पूरा काम जापान की फुजिता कॉरपोरेशन कंपनी कर रही है। निर्माण के अलावा इसका डिजाइन भी जापान के ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है।