Unique Temple : मंदिर जहाँ बाल हनुमान के साथ बूढ़े रूप में भी होते है बजरंग बली के दर्शन, दिन में 3 बार बदलता है मूर्ति का रूप
Unique Temple Of india : भारत में पवनपुत्र हनुमान (Hanuman) जी के कई चमत्कारी मंदिर है। जिसने कोई न कोई पौराणिक कथा और मान्यताएं जुड़ी है। लेकिन आज हम आपको बजरंग बली (Hanuman Ji) के ऐसे अनोखे मंदिर (Unique Temple) के बारे में बताने जा रहे, जिसे जानकर आप दंग रहे जाएंगे। हनुमान जी का यह मंदिर काफी चमत्कारी (Miracle) है। मान्यता है कि यहां दर्शन को आने वाले भक्तों की हनुमान जी हर मनोकामना (Wish) पूरी करते है। दरअसल, इस मंदिर में दिन में तीन बार हनुमान जी का रूप बदल जाता है। यहां हनुमान जी को श्री काष्टभंजन देव के नाम से जाना जाता है, क्योंकि वह अपने भक्तों के सभी प्रकार के कष्टों को दूर करते हैं। तो चलिए जानते है कि आखिर बजरंगबली का ये दिव्य व अनोखा मंदिर (Unique Temple) कहां है और इसके पीछे का क्या रहस्य है….
Unique Temple : यहां स्थित है यह अनोखा मंदिर
दरअसल, हम जिस चमत्कारी हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) की बात कर रहे हैं वह मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास जिले के मुख्य बाजार में स्थित है। हनुमान जी के इस अनोखे मंदिर (Unique Temple) को छत्रपति हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। खास बात इस मंदिर में भगवान की मूर्ति भी बहुत शक्तिशाली (Mighty) है । वहीं मंदिर के पुजारी के अनुसार इस मंदिर (Temple) में भगवान की मूर्ति की लंबाई नौ फीट है और चौड़ाई साढ़े तीन फीट है। साथ ही हनुमानजी के कंधे पर भगवान श्रीराम (Lord Rama) और लक्ष्मण (Lakshman) विराजमान हैं और एक हाथ में गदा, तो दूसरी ओर जीवन का पर्वत है।
दिन में तीन बार बदलता है मूर्ति का स्वरुप
हनुमान जी के अद्भुत व चमत्कारी (Miracle) के मंदिर के बारे में यहां के पुजारी बताते हैं कि, सुबह 4 बजे से 10 बजे तक हनुमान जी (Hanuman Ji) की प्रतिमा बाल स्वरूप में होती है। फिर 10 बज से शाम 6 बजे तक युवा स्वरूप में रहती है। इसके बाद शाम 6 बजे से पूरी रात यानि सुबह 4 बजे तक वृद्ध स्वरूप में रहती है। मंदिर में होने वाली इस अद्भुत घटना पर स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां जो होता है वो भगवान की मर्जी से होता है और यह प्राकृतिक (Natural) है। आसपास के गांव (Village) के लोगों का इस प्राचीन मंदिर पर अटूट विश्वास है, हालांकि, इसके पीछे का रहस्य (Mystery) ना तो कोई पुजारी जानते हैं और ना ही लोग।
ये है पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं की मानें तो, नर्मदा नदी (Narmada River) के इसी तट पर भगवान सूर्य (Lord Surya) तपस्या करते थे और उनकी तपस्या में किसी भी तरह का विघ्न ना पड़े इसके लिए हनुमान जी पूरे समय पहरा देते थे. जब भगवान सूर्य की तपस्या पूरी हुई और वह अपने लोक की तरफ जाने लगे तब उन्होंने अपने शिष्य यानि हनुमान जी (Hanuman Ji) से उसी स्थान पर रुकने के लिए कह दिया और फिर हनुमान जी प्रतिमा के रूप में इस तट पर विराजमान हो गए। कहा जाता है कि, इस स्थान पर आकर लोगों को अलग ही अनुभव प्राप्त होता है, इसलिए आप भी मंडला जिले (Mandla State) जाएं तो एक बार हनुमान जी के इस अद्भुत प्राचीन मंदिर के दर्शन जरूर करें।
मंदिर में पूजा करने से सभी भक्तों के संकट होते है दूर
इस मंदिर में पूजा करने से उनके सभी भक्तों (Devotee) के जीवन के सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति पर हनुमान जी की कृपा हो जाती है तो उस व्यक्ति के जीवन की सभी कठिन परिस्थितियाँ दूर हो जाती हैं। साथ ही उस व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में आने वाले सभी प्रकार के विज्ञानों (Science) को हटा दिया जाता है।