Religion

Importance of Sawan: सावन के महीने में भोलेनाथ की पूजा और व्रत से मिलती है सकारात्मक ऊर्जा और ढेर सारे लाभ

Importance of Sawan | ये बात तो हम सब भली भांति रूप से जानते है कि हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद ही शुभ माना जाता है, इसके साथ सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को भी अतिप्रिय है। ऐसी मान्यता है कि सावन के इस महीने में सच्चे दिल से भगवान शिव की पूजा करने से शिव शंकर अपने भक्तों पर जल्दी से प्रसन्न हो जाते है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते है।

पुराणों के अनुसार एक समय ब्रह्मा जी के पुत्र सनत्कुमार ने शिवजी से सावन के महीने के महत्व के बारें में जानना चाहा था तो उन्हें शिवजी ने बताया कि सावन के महीने में उनकी पूजा और व्रत करने से सकारात्मक ऊर्जा के साथ व्यक्ति की उम्र भी बढ़ती है। आइये हम भी जानते है कि सावन के महीने में शिव भक्ति करने का क्या महत्व (Importance of Sawan) है।

Importance of Sawan: सावन में शिव पूजा से होती है मोक्ष की प्राप्ति

Importance of Sawan

Pradosh Vrat 2021: इस दिन लग रहा सावन का पहला प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त, प्रदोष काल से महत्व तक जानें सब कुछ

शिवजी की पूजा वैसे तो पूरे साल ही की जाती है लेकिन सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से शिव भक्तों को विशेष लाभ (Importance of Sawan) प्राप्त होता है। स्कंदपुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा, जागरण और उपवास करते है वो जीवन-मरण के चक्र से मुक्त हो जाते है और भगवान शिव की कृपा से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। शिवपुराण के अनुसार भी मोक्ष प्राप्ति के लिए चार उपाय बताए गए है और सभी में सावन के महीने का महत्व बताया गया है।

विकारों से दूर रखते है महादेव

देवों के देव महादेव अपने भक्तों को लोभ, क्रोध, मोह, काम आदि विकारों से मुक्त करते है और हमें सुख-शांति, ऐश्वर्य प्रदान करते है। पुराणों के अनुसार सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने से हर तरह के रोग, दोष, पाप समाप्त हो जाते है, इसके अलावा इस पवित्र महीने में शिव पूजन करने से आराधक की उम्र भी बढ़ती है और अंत में उसे शिवलोक में स्थान मिलता है। सावन में भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर का डर भी समाप्त हो जाता है।

वेदों का स्वरूप है भगवान शिव

Importance of Sawan

अगर आप भी नहीं रख पा रहे हैं सावन सोमवार का व्रत, तो ऐसे शिवजी को कर सकते हैं प्रसन्न

पुराणों के अनुसार भगवान शिव स्वयं वेदों का स्वरूप है, पुराणों में बताया गया है कि भगवान शिव वेद है और वेद ही शिव है। सावन का महीना शिव पूजन के साथ-साथ योग, ध्यान, आध्यात्मिक चिंतन के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी शुभ कार्य सावन के महीने में करने से उसके शुभ लाभ (Importance of Sawan) प्राप्त होते है।

क्या है सावन में व्रत-पूजन विधि

शिवपुराण के अनुसार सावन के महीने में व्रत करने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए और नित्यकर्म से मुक्त होकर भगवान शिव में ध्यान लगाना चाहिए। उसके पश्चात अपने मस्तक पर भस्म से त्रिपुंड तिलक लगाना चाहिए, गले में रुद्राक्ष माला धारण करनी चाहिए और मंदिर में जाकर शिवलिंग की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। उसके बाद इस मंत्र को ‘शिवपूजाव्रतं ह्येतत् करिष्येSहं महाफलम्। निर्विघ्नमस्तु मे चात्र त्वत्प्रसादाज्जगत्पते।।’ का उच्चारण करते हुए हाथ में अक्षत, जल एवं पुष्प लेकर शिवलिंग पर अर्पण कर देने चाहिए।