शास्त्रों में बताया गया ये छोटा सा उपाय रोज करने से घर मेंं कभी नहीं आती है गरीबी
जब भी हम किसी देवालय में जाते हैं या किसी भी पूजा पाठ में जाते हैं तो हमे चरणामृत का प्रसाद अवश्य दिया जाता है क्योकि शास्त्रों के अनुसार सभी प्रसादों से सबसे श्रेष्ठ माना जाता है चरणामृत का प्रसाद चरणामृत का वास्तविक अर्थ होता भगवान के चरणों का अमृत और पंचामृत का अर्थ पांच अमृत यानि पांच पवित्र वस्तुओं से बना हुआ अमृत।
पौराणिक मान्यताओं में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं। जिनमें देवताओं के चरणों से जलधाराएं प्रकट हुई हैं। ये धाराएं नदियों के रूप में धरती पर आईं और प्यास बुझाने में इनके जल का उपयोग किया गया। जल ही जीवन है, इसलिए इसे अमृत कहा गया, क्योंकि इसके पान से हम मरते नहीं।भगवान के चरण स्पर्श करने की परंपरा प्राचीन है।
जिस जल से भगवान को स्नान कराया जाता है, वह जल उनकी प्रतिमा से होता हुआ चरण तक आता है और फिर नीचे बहता है। इसी जल को चरणामृत कहा जाता है यानी भगवान का स्पर्श किया हुआ जल। इसीलिए यह जल पवित्र माना जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है
अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशनम्। विष्णो पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते।। अर्थात : भगवान विष्णु के चरणों का अमृतरूपी जल सभी तरह के पापों का नाश करने वाला है। यह औषधि के समान है। जो चरणामृत का सेवन करता है उसका पुनर्जन्म नहीं होता है।
चरणामृत बनाने के नियम
चरणामृत बनाने के लिए तांबे के बर्तन में चरणामृतरूपी जल रखे क्योकि उसमें तांबे के औषधीय गुण आ जाते हैं। चरणामृत में तुलसी पत्ता, तिल और दूसरे औषधीय तत्व मिले होते हैं।इसीलिए मंदिर या घर में हमेशा तांबे के लोटे में तुलसी मिला जल रखा जाता है।
चरणामृत लेने के नियम
अक्सर ऐसा होता है की लोग चरणामृत ग्रहण करने के बाद सिर पर हाथ फेरते हैं, लेकिन शास्त्र के अनुसार ये सही नहीं है औरे ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है। चरणामृत हमेशा दाएं हाथ से लेना चाहिए और श्रद्घाभक्तिपूर्वक मन को शांत रखकर ग्रहण करना चाहिए।
चरणामृत से होने वाले कुछ फायदे
रोजाना चरणामृत ग्रहण करने से हमारा शरीर रोगों की चपेट में नहीं आता और साथ ही गंभीर रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
चरणामृत का रोजाना ग्रहण करने से जीवन में कभी भी निराशा नहीं होती।
चरणामृत के रोजाना सेवन से आपको किसी बुरे या डरावने सपनो से निजत मिलता है और इसके सेवन से आपकी उम्र भी बढती है।
इसके रोजाना घर में छिडकाव से लक्ष्मी का कभी अभाव नहीं होता और कलह से भी मुक्ति मिलती है।
चरणामृत के रोजाना सेवन से याददाश्त बढती है और नकारात्मक विचार भी खत्म होते हैं।