बसंत पंचमी पर बन रहा शुभ संयोग, विद्यार्थी ऐसे करेंगे पूजन तो मिलेगा कला व बुद्धि का वरदान
इस बार बसंत पंचमी 22 जनवरी को पड़ रहा है, जो हर साल माघ माह की शुक्ल पंचमी को मनायी जाती है। इस बार 22 जनवरी को वर्गोत्तम योग बन रहा है, जिसके कारण यदि आप ज्ञान और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती की पूजा विशेष प्रकार की विधि द्वारा करें तो यह आपके लिए काफी गुणकारी और काफी फलदायी साबित हो सकता है, तो चलिए आपको बताते है इस बसंत पंचमी पर माँ सरस्वती की विशेष कृपा कैसे पायी जाए।
बसंत पंचमी के दिन यदि माँ सरस्वती की पूजा शुभ मुहूर्त में की जाए, तो माँ सरस्वती की कृपा से हमे विद्या, धन, वैभव, मान और प्रतिष्ठता सब कुछ प्राप्त होता है। इस दिन कोई भी चीज खरीदना या किसी नये काम की शुरुवात करना काफी शुभ माना गया है। इस दिन घरों में नींव पूजन, गृह प्रवेश, किसी प्रकार का व्यापार शुरू करना बेहद शुभ रहता है। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना भी काफी शुभ माना गया है। इसके साथ ही पीले पकवान बनाना भी शुभ संकेत का प्रतीक है। इस दिन माँ सरस्वती की दूध, दही, मक्खन, घी और नारियल से पूजा करनी चाहिए। विद्यार्थियों के लिए बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की आराधना जरुर करनी चाहिए।
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तो चलिए आपको बताते है इस बार बसंत पंचमी के दिन पूजा करने का मुहर्त और विधि
इस खास दिन माँ सरस्वती की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 07:17 से शुरू हो रहा है, इसकी अवधि 5 घंटे 15 मिनट तक रहेगी। इस बार पंचमी तिथि की शुरुवात 21 जनवरी 2018 को रविवार के दिन दोपहर के बाद 03:33 बजे से प्रारम्भ हो रहा है और इसकी समाप्ति 22 जनवरी 2018 को सोमवार के दिन शाम 04:24 बजे तक होगी।
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ऐसे करें सरस्वती पूजन
इस दिन पीले, बसंती या सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें उसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख करके माँ सरस्वती की पूजा करना प्रारम्भ करें। सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस कार्य के लिए करें फिर माँ सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले या सफ़ेद पुष्प अर्पित करें। इस दिन विद्यार्थी माँ सरस्वती की कृपा पाने के लिए पेन या कॉपी चढ़ा सकते है। साथ ही प्रसाद में मिसरी, दही और लावा चढ़ाए। यदि केसर मिश्रित खीर का प्रसाद लगाये तो यह प्रसाद सर्वोत्तम होगा और इसके साथ ही माँ सरस्वती के मूल मंत्र “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” इस विशेष मंत्र का जाप करें, जाप समाप्त होने के बाद प्रसाद ग्रहण करें और दुसरो में यह प्रसाद बांटे।