Kartavya Path : राजपथ का नाम बदलने के पीछे है दिलचस्प वजह, जानना होगा इसका इतिहास
Kartavya Path : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा (Central Vista) एवेन्यू का उद्घाटन किया। साथ ही कर्तव्य पथ (Kartavya Path) के नए स्वरूप को भी देश को समर्पित किया। इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की 28 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया। लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर क्यों केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ (Kartavya Path) किया, इसके पीछे की क्या वजह है। चलिए आज आपको बताते है कि आखिर इतना बड़ा बदलाव क्यों किया गया…
बता दें कि रायसीना हिल परिसर से इंडिया गेट (India Gate) तक फैले राष्ट्रीय राजधानी के इस पथ यानी राजपथ (Rajpath) का नाम सबसे पहले किंग्सवे था। आजादी की सुबह से लेकर सात दशकों से अधिक समय तक वार्षिक गणतंत्र दिवस समारोहों (Republic Day) की मेजबानी करने तक, भारत की राजधानी में ऐतिहासिक राजपथ ने औपनिवेशिक शासन को भी देखा है और एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र की आन-बान-शान का भी गवाह बना है।
Kartavya Path कई मायनों में है खास
राजपथ को भारत की शान का प्रतीक कहा जाता है। नई दिल्ली के लुटियंस जोन में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट (India Gate) होते हुए नेशनल स्टेडियम तक यह सड़क जाती है। संसद भवन से लेकर नॉर्थ और साउथ ब्लॉक इसी मार्ग पर है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर होने वाली परेड भी इसी रोड पर होती है। दिल्ली का राजपथ कई मायनों में खास है। जिसे अब मोदी सरकार ने इस सड़क का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ (Kartavya Path) कर दिया है। इसके बाद इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ (Kartavya Path) के नाम से जाना जाएगा। यह वही सड़क है जहां पर हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर भव्य परेड और झांकियां निकाली जाती हैं।
कब हुआ Kartavya Path निर्माण?
इस सड़क का निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में किया गया था। राजपथ (Rajpath) को ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक जाने वाली इस सड़क के दोनों तरफ गार्डन हैं। तब इसे राष्ट्रपति भवन से नए शहर का दृश्य प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया था, जो उस समय वायसराय का हाउस था। आजादी के बाद इसे राष्ट्रपति भवन कहा जाने लगा।
अब राजपथ बना Kartavya Path
राजपथ को पहले किंग्स वे कहा जाता था, क्योंकि जॉर्ज पंचम के सम्मान में इसे यह नाम दिया गया था। जॉर्ज पंचम ने ही ब्रिटिश भारत की राजधानी को कोलकाता (kolkata) से दिल्ली स्थानांतरित किया था। उस वक्त यह किंग के जाने का रास्ता था। 1947 में आजादी मिलने के बाद किंग्सवे का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया और इसके लंबवत मार्ग क्वींसवे का नाम बदलकर जनपथ कर दिया गया। अब, राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ (Kartavya Path) कर दिया गया।
इस कारण बदला राजपथ का नाम
बता दें कि इससे पहले जिस सड़क पर पीएम (PM) आवास स्थित है, उसका नाम भी रेसकोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग (Lok Kalyan Marg) कर दिया गया था। इस पर भी विपक्षी दलों की ओर से काफी हंगामा किया गया था. सरकार का तर्क है कि आजादी के 75 साल बाद गुलामी का कोई भी प्रतीक (Symbol) नहीं रहना चाहिए, सबकुछ न्यू इंडिया (New India) वाले विजन को ताकतवर करने वाला साबित होना चाहिए। तो गुलामी की मानसिकता को दूर करने के लिए इसका नाम Kartavya Path किया गया।
बता दें कि पीएम मोदी (PM Modi) ने कर्तव्य पथ (Kartavya Path) का उद्घाटन करने के बाद कहा था कि आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज हर तरफ जो नई आभा दिख रही है वो नए भारत की आत्मविश्वास की आभा है। गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानी राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया है। हमेशा के लिए मिट गया है। आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है।
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