दिल्ली के जामा मस्जिद की सामने आई ऐसी सच्चाई जो दे रही थी खतरे का संकेत
जामा मस्जिद जिसका निमार्ण मुगल शासक शाहजहां ने सन 1656 में किया था, जो दिल्ली में स्थित है। इस मस्जिद को बने 361 साल हो गये है और यह भारत का सबसे बड़ा मस्जिद भी है। इस मस्जिद को बाहर से देखने पर यह जितना आकर्षक और सुंदर लगता है वहीँ यह दिनों दिन कमजोर होता ही जा रहा है। मस्जिद को अन्दर से देखने में अब यही लगता है, कि देश के इस अनमोल धरोहर में कभी कोई दुर्घटना न घटित हो जाए।
इस मस्जिद के तीनों गुंबद, मीनारों और दीवारों में काफी दरारे आ चुकी है, जिसकी सूचना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और सरकार के अधिकारियों को दे दी गयी थी। जिसके बाद दरारों की जाँच की गयी लेकिन यह दरारे कितनी है? और इनके आने का क्या कारण है? इन सब बातों को जड़ से जानने की जरूरत किसी ने भी न समझी। सप्ताह भर से ज्यादा समय बीत चुके है लेकिन इन सब के बावजूद जामा मस्जिद के इस समस्या का कोई भी हल नहीं निकल पाया है।
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जिसके कारण दिल्ली एडवाइजरी काउंसिल के लिए यहां पर आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए चिंता और भी ज्यादा बड़ गई है। आपको हम बता दे कि मस्जिद के तीनों गुंबद के अंदर छत पर कई जगहों पर लाल पत्थर में करीब दो से पांच इंच तक की दरारें देखने को मिली। ये दरारें वैसे तो मस्जिद के बाहरी कलेवर पर बहुत ही पतली लाइन जैसी दिखती हैं लेकिन यह अन्दर से काफी बड़ी है। इन दरारों में से बरसात के समय में पानी भी रिसते है, जिसके कारण गुंबद की छत और भी कमजोर होती जा रही है।