Sanjay Roy दोषी करार, आरजी कर मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, सजा सोमवार को
सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट ने आज एक बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाया, जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय (Sanjay Roy) को दोषी करार दिया गया। यह मामला काफी समय से सुर्खियों में था और आज अदालत ने आरोपी संजय रॉय को दुष्कर्म और हत्या के आरोपों में दोषी ठहराया।
Sanjay Roy दोषी करार
यह फैसला सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत में दोपहर 2:30 बजे सुनाया गया। कोर्ट में संजय रॉय ने अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए कहा कि उसे फंसाया गया है, लेकिन न्यायाधीश ने उसके इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह सोमवार को अदालत में अपने बचाव में बयान दे सकता है। इसके बाद अदालत ने निर्णय लिया कि संजय रॉय (Sanjay Roy) को सोमवार को सजा सुनाई जाएगी। कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी पाया, जो दुष्कर्म और हत्या के गंभीर आरोपों से जुड़ी हैं।
मामले की गंभीरता और कोर्ट की कार्रवाई
यह मामला 9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घटित हुआ था। घटना के दिन पीड़िता, जो कि मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर छात्रा थी, अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे अपने दोस्तों के साथ डिनर करने गई थी। लेकिन इसके बाद उसका कोई पता नहीं चला। अगले दिन जब उसके शव की बरामदगी हुई, तो यह हड़बड़ी का कारण बना। महिला डॉक्टर का शव मेडिकल कॉलेज के चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में पड़ा हुआ था। शव के पास से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया था। शरीर पर चोटों के निशान और खून के धब्बे थे, जिससे यह साफ हो गया कि यह घटना केवल हत्या की नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अपराध थी। हत्या के दौरान महिला के मुंह और आंखों पर भी चोटें आई थीं, और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी गंभीर निशान थे।
पीड़िता के पिता का बयान
अदालत के फैसले से पहले, पीड़िता के पिता ने मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि वह रात के दो बजे तक जागकर मॉनिटर कर रही थीं, तो मैं जानना चाहता हूं कि उनका इसमें क्या हित था।” उन्होंने यह भी कहा कि केवल मुख्य आरोपी नहीं, बल्कि सभी दोषियों को सामने आना चाहिए।
पीड़िता के पिता ने अदालत के फैसले पर विश्वास जताते हुए कहा कि उन्हें सजा मिलने से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, वह अदालत का दरवाजा खटखटाते रहेंगे।
Sanjay Roy का विरोध
आरोपी संजय रॉय ने अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उसे झूठा फंसाया गया है। हालांकि, अदालत ने इस दावे को नकारते हुए उसे दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया। यह मामला इसलिए भी संवेदनशील था, क्योंकि इसमें न केवल एक महिला डॉक्टर की जान गई, बल्कि मेडिकल समुदाय में भी गहरा आक्रोश फैल गया था।
अदालत और सीबीआई की भूमिका
सीबीआई ने मामले की जांच की थी और आरोपपत्र दाखिल किया था। हालांकि, पीड़िता के परिवार ने सीबीआई पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह संतुष्ट नहीं थे, और उन्होंने उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट से सवाल उठाए थे।
सजा पर फैसला सोमवार को
अदालत ने संजय रॉय को दोषी ठहराया है, लेकिन उसकी सजा पर सोमवार को अंतिम निर्णय लिया जाएगा। न्यायालय ने यह संकेत दिया कि यह मामला एक ऐतिहासिक मोड़ पर है, और यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा।
संजय रॉय (Sanjay Roy) की सजा को लेकर अब पूरे देश की निगाहें सोमवार पर टिकी हैं। क्या उसे अधिकतम सजा मिलती है? यह सवाल सभी के मन में है, क्योंकि इस मामले ने न केवल कोलकाता, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है।
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