धोनी ही नहीं ये भारतीय क्रिकेटर्स भी नहीं खेल पाए विदाई मैच, ग्राउंड के बाहर ही ले लिया संन्सास
Youthtrend News Desk : जब कोई क्रिकेटर देश के लिए खेलता हैं तो ये उसके लिए गर्व की बात होती हैं उसके पूरे क्रिकेट जीवन में क्रिकेट प्रेमी हमेशा हौसला बढ़ाते हैं तो ऐसे में जब वो खिलाड़ी क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कहता हैं तो आखिरी बार सबको उसका तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत और धन्यवाद करना चाहिए लेकिन बहुत से ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्हें इस पल को जीने का मौका नहीं मिला। भारत के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी और एकदिवसीय क्रिकेट टीम में मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना ने 15 अगस्त के दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया हैं इसी के साथ ये दोनों क्रिकेटर भी उन क्रिकेटरों की सूची में शामिल हो गए हैं जो रिटायरमेंट से पहले विदाई मैच नहीं खेल पाए, आज हम आपकों उन्ही 11 भारतीय क्रिकेटर के बारें में बताने जा रहें हैं जो अपना विदाई मैच नहीं खेल पाए।
इन दिग्गज भारतीय क्रिकटरों को नही मिला विदाई मैच
सुनील गावस्कर
टेस्ट मैचों में सबसे पहले 10000 रन बनाने वाले और भारत के पूर्व कप्तान और अपने जमाने के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर बिना फेयरवेल मैच खेले ही क्रिकेट की दुनिया से अलविदा हो गए, दरअसल जब 1987 के क्रिकेट विश्वकप में भारत की टीम सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड की टीम से हार कर विश्वकप की दौड़ से बाहर हो गई थी तो उसके बाद लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर गावस्कर साहब कभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं दिखे।
मोहम्मद अजहरुद्दीन
अपनी कलाइयों के सहारे खूबसूरत शॉट खेलने वाले और भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी बिना विदाई मैच के ही क्रिकेट की दुनिया से दूर हो गए, अपने समय में अजहरुद्दीन इकलौते ऐसे खिलाड़ी थे जो अपनी कप्तानी में सबसे ज्यादा मैच खेले थे, जब क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का साया छाया तब उस समय उन पर मैच फिक्सिंग के इल्जाम लगा जिसके बाद उन पर बैन लग गया और बैन खत्म होने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना ही छोड़ दिया।
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राहुल द्रविड़
भारतीय टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज और दीवार के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ भी इस मामलें में बदकिस्मत रहें, अपने पहले ही टेस्ट मैच में शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करने वाले द्रविड़ टेस्ट टीम का अटूट हिस्सा बन चूके थे, राहुल द्रविड़ ने खराब फॉर्म के चलते क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला लिया और कोई विदाई मैच भी नहीं खेल पाए।
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वीरेंद्र सहवाग
नजफगढ़ के नबाव से मशहूर वीरेंद्र सहवाग अपनी आक्रामक और बेखौफ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, भारत के तरफ से टेस्ट मैच में पहला और दूसरा तिहरा शतक लगाने का कीर्तिमान इनके नाम पर ही हैं, इसके अलावा एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक भी जड़ चुके वीरू भी क्रिकेट की दुनिया से एकदम से रुखसत हो गए और उन्हें भी फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
वीवीएस लक्ष्मण
2001 के कोलकाता टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने में 281 रनों की शानदार पारी खेलने वाले वीवीएस लक्ष्मण ने भारत के लिए टेस्ट मैचों में बहुत सी लाजवाब परियां खेली हैं लेकिन जैसे ही उन्हें महसूस हुआ कि वो अब टीम में फिट नहीं बैठते तो उन्होंने एक सवांददाता सम्मेलन में रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी।
जहीर खान
देश के अब तक के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक जहीर खान ने विश्वकप 2011 में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी, दुनिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों में शुमार करने वाले जहीर खान ने भी कोई बिना फेयरवेल मैच खेले बिना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को छोड़ दिया।
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गौतम गंभीर
2007 और 2011 विश्वकप फाइनल में महत्वपूर्ण पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने देश के लिए बहुत सी बेहतरीन पारियां खेली लेकिन इन्हें भी कोई विदाई मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
युवराज सिंह
2011 विश्वकप के हीरो और टी-20 मैच में 1 ओवर में 6 छक्के लगाने वाले युवराज सिंह को भी कोई फेयरवेल मैच खेलने को नहीं मिला, कैंसर से जूझते हुए भी देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले युवराज चुपचाप क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कह गए।
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इरफान पठान
टेस्ट मैच के पहले ओवर में ही हैट्रिक लेने वाले बाएं हाथ के स्विंग गेंदबाज इरफान पठान ने अच्छी गेंदबाजी के दम पर टीम को बहुत से मैच जिताये लेकिन जब उनकी फॉर्म खराब हुई तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, अपने आखिरी मैच में मैन ऑफ द मैच रहने वाले पठान ने भी बिना किसी विदाई मैच के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
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सुरेश रैना
क्रिकेट के तीनों प्रारुप में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी सुरेश रैना ने मध्यक्रम में बहुत की यादगार पारियां खेली हैं लेकिन पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर होने के कारण उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहना ही बेहतर समझा और 15 अगस्त को रिटायर हो गए।
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एम एस धोनी
देश के महान कप्तानों में से एक और दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने सबको चौकाते हुए 15 अगस्त की शाम से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया, धोनी जैसा महान खिलाड़ी बिना फेयरवेल मैच खेले ऐसा विदा ले लेगा किसी को उम्मीद नहीं थी।
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