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Covid-19 से जंग में भारत को मिली Nasal Vaccine की मंजूरी, अब नहीं सताएगा सुई का डर

Bharat Biotech Nasal Vaccine : कोरोना (Covid) में जंग के खिलाफ भारत (India) को पहली इंट्रानेजल वैक्सीन (intranasal vaccine) मिल गई है। दरअसल नेजल वैक्सीन यानी नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन (vaccine)। यह कोरोना (Covid) से लड़ाई में एक बड़े ब्रह्मास्त्र के तौर पर साबित हो सकता है। इसे हैदराबाद (Hyderabad) की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने बनाया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार को इसे इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी भी दे दी है। वैक्सीन (Vaccine) की खुराक 18 साल से ज्यादा के लोगों को दी जाएगी। ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने दी है। इसके आखिरी फेज के ट्रायल पिछले महीने ही पूरे हुए हैं।

Nasal Vaccine : अब नहीं सताएगा सुई का डर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने ट्वीट कर नेजल वैक्सीन (Nasal vaccine) को बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि Vaccine कोरोना (Covid) महामारी से लड़ाई की ओर एक बड़ा कदम है। भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में साइंस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ह्यूमन रिसोर्स को बढ़ावा दिया है। साइंस पर आधारित अप्रोच और सबके प्रयास से हम कोरोना को जरूर हराएंगे। कोरोना वैक्सीन लगवाने से काफी लोग तो सिर्फ इसलिए कतरा रहे थे क्योंकि उन्हें सुई से दर लगता था लेकिन अब इस नई विधि से वैक्सीन और भी आसानी से लगायी जा सकेगी.

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कोरोना से जंग में ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है

मिली जानकारी के अनुसार नेजल वैक्सीन (Intranasal Vaccine) अगर सफल हो जाती है तो यह ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है, क्योंकि इसे आप खुद भी ले सकते हैं। यह COVID के लिए भारत का पहला नाक का टीका (intranasal vaccine) होगा। गौर है कि कोविड से बचाव के लिए जो Covaxin बनाने वाली भारत बायोटेक ने नेजल स्‍प्रे भी विकसित किया है। कोविड-19 से बचाव के लिए दुनियाभर में नेजल स्‍प्रे बनाने को लेकर जारी रिसर्च के बीच भारत बायोटेक के इंट्रानेजल वैक्‍सीन (Intranasal Vaccine) को ट्रायल के लिए नियामक से मंजूरी मिल चुकी थी।

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इंट्रानेजल Vaccine की खासियत

भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन (Intranasal Vaccine) का नाम BBV154 है। इसे नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। चूंकि इस वैक्सीन (Nasal Vaccine) में किसी इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का कोई खतरा नहीं है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स (Health Worker) को भी कोई खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। नेजल वैक्सीन (Intranasal vaccine) लगाने के तमाम फायदे भी हैं यानी इसे लेने से इंजेक्शन से वैक्सीन (vaccine) लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी साथ ही इसे अपने साथ कहीं भी कैरी कर सकेंगे वो भी आसानी से..इंजेक्शन से वैक्सीन (Vaccine) नहीं लगेगी तो हेल्थवर्कर्स आदि मैन पॉवर को प्रशिक्षण (training) की भी जरूरत ना के बराबर होगी।

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बूस्टर डोज की तरह दी जाएगी वैक्सीन

इंट्रानेजल वैक्सीन को प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि, इसे कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज (Booster Dose) के तौर पर भी दिया जा सकता है। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. ​​​​​कृष्णा एल्ला (Dr. Krishna Ella) ने बताया कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 ड्रॉप्स काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाती हैं।

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नाक के जरिए इस वैक्सीन को देने का विकल्प

गौर हो कि कोविड-19 के अधिकांश केसों में यह पाया गया है कि कोरोना वायरस म्यूकोसा के माध्यम से बॉडी में प्रवेश करता है और म्यूकोसल मेमब्रेन में मौजूद कोशिकाओं को संक्रमित करता है अगर हम नाक के माध्यम से वैक्सीन देंगे तो यह काफी प्रभावी हो सकती है।

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