GNCTD Bill क्या हैं, क्यों परेशान है सीएम केजरीवाल, समझिये पूरा गणित
News Desk | सोमवार को लोकसभा से पारित होने के बाद अब राज्यसभा से भी GNCTD Bill को सर्वसम्मति से पारित हो गया हैं, भले ही संसद के दोनों सदनों में इस बिल (GNCTD Bill) को लेकर काफी हंगामा मचा हो पर अंत मे सरकार के द्वारा इस बिल को पारित करवा लिया गया। आने वाले समय में जैसे ही राष्ट्रपति इस बिल पर अपने हस्ताक्षर करेंगे तो यह एक कानून में बदल दिया जाएगा। अब तक आप ये तो समझ गए होंगे कि आज हम किस बारे में बात कर रहें हैं, आज हम आपको GNCTD Bill क्या हैं के बारे में बताने जा रहे हैं।
GNCTD Bill का क्या है मतलब
ये बात तो किसी से छुपी नही हैं कि दिल्ली में मुख्यमंत्री और एलजी की लड़ाई तो चलती रहती हैं और जब से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की बागडोर संभाली हैं तब से इन दोनों के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही हैं। GNCTD बिल का सीधा अभिप्राय ये हैं कि जब भी दिल्ली विधानसभा में बनाए गए किसी भी कानून में सरकार शब्द का उल्लेख होगा तो उससे मतलब दिल्ली के एलजी से ही होगा।
इस बिल के मुताबिक दिल्ली सरकार को अपने सभी निर्णय, एजेंडे और प्रस्तावों की पूरी जानकारी एलजी से भी साझा करनी होगी। मान कर चलिए कि अगर कभी एलजी और मंत्रिमंडल में किसी बात को लेकर गतिरोध होता हैं तो एलजी उस मामले को राष्ट्रपति के सामने भी रख सकते हैं।
GNCTD Bill में और क्या है
दरअसल 2018 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में ये कहा था कि दिल्ली में चयनित सरकार किसी भी विषय में अगर कोई फैसला लेती हैं तो उसे उस फैसले की जानकारी एलजी को देनी होगी लेकिन एलजी की सहमति जरूरी नहीं हैं। परंतु अब इस बिल के पारित होने के बाद से एलजी को अब ये भी हक मिल चुका हैं जिससे कि अगर एलजी दिल्ली सरकार के मंत्रिपरिषद की किसी बात से सहमत नहीं हैं तो वो उस मामलें को वो राष्ट्रपति को भेज सकते हैं।
कहा जा रहा हैं कि इस नए बिल के पारित हो जाने के बाद अब एलजी की शक्ति और अधिकार पहले के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ जाएंगे पर इस बारें में केंद्र सरकार के मुताबिक इस बिल को लाने का मुख्य उद्देश्य केवल एलजी और दिल्ली सरकार की शक्तियां और भूमिका स्पष्ट करना हैं ताकि उसे लेकर दोनों में किसी भी तरह के संघर्ष की स्थिति उत्पन्न ना हो।
GNCTD Bill को लेकर नाराज हैं विपक्ष
जब से केंद्र सरकार द्वारा GNCTD बिल को संसद के दोनों सदनों से पास करवाया गया हैं तब से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपनी नाराजगी जता रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने GNCTD बिल पारित होने को लेकर इसे लोकतंत्र के लिए एक काला दिन करार कर दिया तो वही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यहां तक कह दिया कि जनता द्वारा चुनी सरकार के अधिकार को छीनकर एलजी को दे दिया गया है। कांग्रेस पार्टी तो सदन से ही वॉकआउट कर गई थी।