‘हज सब्सिडी’ खत्म करने के बावजूद पीएम मोदी की तारीफ कर रह हैं मुस्लमान, जानें क्यों
मोदी सरकार ने जहाँ नोट बंदी, जीएसटी जैसे कई बड़े व अहम फैसले लिए है, वहीँ ऐसे में उन्होंने मुसलमानों की हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म करने का अहम फैसला लिया है। मुसलमानों को हज यात्रा के लिए सरकार की ओर से हर साल लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च किये जाते है। वहीँ सरकार का यह कहना है कि यह फैसला जो लिया गया है, वो अल्पसंख्यक वर्गो के लोगो को तुष्टिकरण के लिए नहीं किया गया है।
वहीं इस फैसले पर दिल्ली के मुसलमानो का कहना है कि सब्सिडी नहीं रोजगार चाहिए। उन लोगो का कहना है कि सरकार जो पैसा बचाकर सिर्फ मुसलमान की लड़कियों के पढाई व लिखाई पर खर्च करने की बात कर रही है, वो ऐसा करने के बजाए देश की तमाम लड़कियों की बात करें नहीं तो यह तुष्टिकरण ही होगा।
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वहीँ इस मुद्दे पर जब लोगों से बात किया गया तो मुसलमानों ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह फैसला काफी देर से हुआ क्योकि हज करने कोई गरीब इंसान नहीं जाता है। हज यात्रा करना सिर्फ उसी मुसलमान का फर्ज है जिसके पास घर के खर्चों को छोड़ने के बाद अतिरिक्त पैसा इतना बचता हो कि वह यात्रा पर जा सके। हज यात्रा में सरकार की ओर से दिया जाने वाला पैसा देश के गरीब जनता पर ही खर्च हो तो यह अच्छा है।
वहीँ मुस्लिमानों का यह भी कहना है कि सरकार सब्सिडी के इस पैसे को बचाकर जो मुस्लिम लड़कियों पर खर्च करने की बात कर रही है वो करने के बजाए देश की सभी लड़कियों के लिए खर्च हो। साथ ही साथ सरकार की इतनी मेहरबानी हो कि जो देश में दहशत का माहौल कुछ लोग बना रहे हैं उनलोगो पर और चौकसी बड़ा दे ताकि मुसलमानों को यूहीं बदनाम न किया जाए।