Dhoni Retires : देखें महेंद्र सिंह धोनी के करियर के पांच खास लम्हे
Youthtrend News Desk : महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा नाम हैं जिसका सम्मान ना केवल क्रिकेटप्रेमी बल्कि क्रिकेट जगत के दिग्गज भी करते हैं, किस को पता था कि रांची जैसी छोटी जगह से आने वाला ये खिलाड़ी एक दिन भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट जगत में अपना और अपने देश का नाम रोशन कर जाएगा। महेंद्र सिंह धोनी विश्व क्रिकेट में अकेले ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने सभी आईसीसी ट्रॉफी जीती हैं, 15 अगस्त के ऐतिहासिक दिन पर उन्होंने ऐसी घोषणा की जिसको सुनकर ना केवल उनके चाहने वाले बल्कि पूरे क्रिकेट जगत में मायूसी छा गई, धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास (Dhoni Retires) ले लिया हैं।
Dhoni Retires : धोनी के क्रिकेट करियर के ख़ास लम्हे
टेस्ट मैच में तो धोनी ने 2014 में ही संन्यास ले लिया था लेकिन उसके बाद वो देश के लिए एकदिवसीय क्रिकेट और T-20 क्रिकेट खेल रहें थे, धोनी ने अपना आखिरी अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय विश्वकप 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफइनल मुकाबला खेला था। वैसे तो धोनी के क्रिकेट जीवन में ऐसे बहुत से लम्हें रहें हैं जो किसी भी क्रिकेट प्रेमी के स्मृति पटल पर हमेशा छाये रहेंगे भले ही 2011 विश्वकप के फाइनल में छक्का मारकर विश्वकप जितना हो, या 2007 के T-20 विश्वकप का फाइनल ओवर जोगिंदर शर्मा से करवाना हो। आज हम आपकों धोनी के क्रिकेट जीवन से जुड़े कुछ खास पलों के बारें में बताने जा रहें हैं।
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जिस पारी से मिली उन्हें अलग पहचान
वैसे तो महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरूआत 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ कर दी थी लेकिन उस श्रृंखला में उन्होंने कुछ ऐसा नहीं किया था जिससे कि वो अपनी पहचान बना पाते, 2005 में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम इंडिया के दौरे पर आई थी और सीरीज़ का दूसरा मैच खेला जा रहा था विशाखापत्तनम के मैदान पर। पहले विकेट के गिरने के बाद बल्लेबाजी करने आये माही ने ऐसा खेल दिखाया कि उनकी उस पारी को देखकर सबको पता चल गया कि धोनी कोई आम बल्लेबाज नहीं बल्कि एक बेहद ही खतरनाक और बेखोफ बल्लेबाज हैं, अपनी उस पारी में धोनी ने मात्र 123 गेंदों पर ताबड़तोड़ 148 रन बनाए थे और इस पारी से उन्होंने टीम इंडिया में अपना स्थान पक्का कर लिया था।
जब बनें पहली बार देश के कप्तान
2007 में जब पहला टी-20 विश्वकप खेला जाना था तो उस समय विश्वकप की टीम से दिग्गज राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने अपना नाम वापिस ले लिया था तो ऐसे में युवाओं से सजी हुई टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में दी गई। उन्होंने इस फैसले को सही साबित करते हुए पहले ही टी-20 विश्वकप में भारत को विजेता बना दिया था।
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जब बनी टीम इंडिया टेस्ट में पहली बार नंबर 1 टीम
धोनी की कप्तानी में पहली बार टीम इंडिया टेस्ट मैचों में नंबर 1 टीम बनी थी, उन्होंने ये उपलब्धि 2013 में टेस्ट मैच की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को हिंदुस्तान की सरजमीं पर 4-0 से हराकर हासिल की थी, इसी श्रृंखला में धोनी ने अपने टेस्ट जीवन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 224 बनाया था।
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आईपीएल में भी दिखाया अपना जलवा
ऐसा नहीं हैं कि माही का जलवा सिर्फ अंतराष्ट्रीय क्रिकेट तक ही सीमित था बल्कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी उन्होंने अपना जलवा दिखाया था, उनकी कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स तीन बार टूर्नामेंट जीत हैं और उनकी टीम आईपीएल के हर संस्करण के आखिरी चार में पहुंची हैं।
आईसीसी की सभी ट्रॉफी जीतने वाले कप्तान हैं धोनी
धोनी अकेले ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने ICC की सभी ट्रॉफी जीती हुई हैं उनकी कप्तानी में देश ने 2007 में टी-20 विश्वकप, 2011 में एकदिवसीय विश्वकप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती हुई हैं।