Corona के कहर से बंद होने की कगार पर 1200 Single Screen Theatre!
Single Screen Theatre | इस समय हमारा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपट रहा हैं जिस प्रकार कोरोना वायरस की पहली लहर से देश मे तबाही मचाई थी उससे ज्यादा तबाही इस दूसरी लहर ने मचाई हैं। कोरोना से जहां लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई तो वही बहुत से लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं। कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा, बीमारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। पिछले साल देश में लगे लॉकडाउन के बाद से देश में बहुत सी चीजें लगभग जैसे बंद ही हो गई जैसे कि स्कूल, कॉलेज, मॉल, थिएटर इत्यादि।
स्कूल, कॉलेज की पढ़ाई ऑनलाइन होने लगी, दफ्तरों का काम घर से होने लगा, बाजार से सामान ऑनलाइन आने लगा और लोगों ने फिल्में OTT प्लेटफॉर्म पर देखनी शुरू कर दी। इन सबमें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ थिएटर मालिकों का वो भी खासकर सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर का, देश में लॉकडाउन लगने के बाद से ही बहुत से सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर अभी तक बंद हैं और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वो अब शायद ही कभी खुले, आइये जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों कहा जा रहा हैं।
मसाला फिल्मों की जान होते थे Single Screen Theatre
Salman Khan की “Radhe” बनी IMDb पर दूसरी सबसे खराब फिल्म
जरा कोरोना काल से पहले के समय के बारे में कल्पना कीजिये, जब भी किसी बड़े अभिनेता की फिल्म रिलीज होती थी वो भी खासकर सलमान खान की, तो उस समय सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में दर्शकों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती थी। देश भर में ऐसे बहुत से सिंगल स्क्रीन थिएटर हुआ करते थे, छोटे-छोटे शहरों में ही नहीं बल्कि देश के महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता इत्यादि में भी सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ उमड़ती थी लेकिन जैसे-जैसे देश में मल्टीप्लेक्स बढ़ने लगे वैसे-वैसे सिंगल स्क्रीन थिएटर में दर्शक कम होने लगे पर फिर भी इन सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों का एक अपना क्रेज था।
1200 Single Screen Theatre होंगे हमेशा के लिए बंद
एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश में 9527 सिनेमाघर हैं जिनमें 3200 मल्टीप्लेक्स हैं जबकि 6327 सिंगल स्क्रीन थिएटर हैं, कोरोना के कारण 20 फीसदी सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर यानी लगभग 1200 सिनेमाघरों और हमेशा के लिए ताला लग चुका है। ऐसा बिल्कुल नहीं हैं कि कोरोना का असर सिर्फ छोटे सिनेमाघरों पर ही पड़ा हैं बल्कि बहुत से मल्टीप्लेक्स भी इसकी चपेट में आये हैं लेकिन उनके पास सिंगल स्क्रीन थिएटर के मुकाबले ज्यादा फंड होता हैं। वैसे भी सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों की हालत तो कोरोना के पहले से ही खराब थी और उनके मालिक जैसे-तैसे उन्हें चला रहे थे लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब उनकी कमर टूट चुकी हैं।
OTT प्लेटफॉर्म की वजह से नदारद हुए दर्शक
Sanjeev Kumar: मरते दम तक रह गई ये ख्वाहिशें अधूरी, ऐसी थी संजीव कुमार की जिंदगी
सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के बर्बाद होने के पीछे सिर्फ कोरोना ही नहीं हैं बल्कि इसमें OTT प्लेटफॉर्म का भी बहुत बड़ा योगदान हैं, इन दिनों आजकल बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारे अपनी फिल्मों को OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज कर रहे हैं जिसके कारण दर्शक अब उन फिल्मों को अपने घर पर बैठे-बैठे ही मोबाइल या टीवी पर देख लेते हैं। कोरोना की पहली लहर के बाद दीवाली के समय सभी सिनेमाघरों को आधे दर्शकों के साथ खोलने के निर्देश दिये गए थे लेकिन बहुत से सिनेमाघर नहीं खुले।
सिनेमाघरों के मालिकों के अनुसार सिनेमाघरों को आधे दर्शकों के साथ खोलने के लिए भी पूरे थिएटर में एयरकंडीशनर चलाना पड़ेगा, स्टाफ भी पूरा रखना पड़ेगा तो कुल मिलाकर सिनेमाघर का खर्चा तो पूरा ही होगा इसलिए उन्होंने आधे दर्शकों की लिमिट के साथ सिनेमाघर ना खोलने का फैसला लिया। आलम ये हैं कि अब मुंबई, दिल्ली, बिहार, यूपी, राजस्थान में 75-80 सालों से चले आ रहे सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर अब शायद ही कभी खुले।