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Zero Shadow Day: भुवनेश्वर में दिखी दुर्लभ खगोलीय घटना, दर्ज हुआ शून्य छाया वाला दिन

Zero Shadow Day | बचपन से हम ये देखते आ रहे हैं कि जब भी हम धूप में चलते हैं तो हमें अपनी परछाई दिखती हैं, अपनी परछाई को देखकर हम कई बार इस उलझन में पड़ जाते थे कि आखिर ये किसकी परछाई हैं। काफी बार तो हम अपनी खुद की परछाई से तेज चलने की कोशिश करते थे, लेकिन अगर कोई आपको ये कहे कि पूरे साल में दो बार ऐसा मौका आता हैं जब धूप में किसी भी चीज की परछाई नहीं बनती यानी शुन्य छाया वाला दिन (Zero Shadow Day)। अब आप कहेंगे कि भला ऐसा भी कभी होता है क्या, तो चलिए आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।

21 मई को अनुभव किया गया Zero Shadow Day

Zero Shadow Day

बीते शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के निवासियों ने शून्य छाया दिवस यानी जीरो शैडो डे का अनुभव किया यानी ऐसा दिन जब सूर्य की रोशनी में आने के बाद भी किसी भी वस्तु की परछाई नहीं बनती। खगोलीय शास्त्र के अनुसार ये एक अति दुर्लभ खगोलीय घटना हैं, इस घटना होने की वजह ये हैं कि जब भी आकाश में सूर्य अपने चरम पर होता हैं तो ऐसे में किसी भी वस्तु या प्राणी की छाया पृथ्वी पर दिखाई नहीं देती।

साल में दो बार होती हैं ऐसी खगोलीय घटना

भुवनेश्वर में स्थित पठानी सामंत तारामंडल के उप-निदेशक के अनुसार ऐसी विचित्र घटना साल में दो बार होती हैं और ऐसा तब होता हैं जब सूर्य हमारे ऊपर बिल्कुल सीधा होता हैं। भुवनेश्वर में ये घटना 21 मई सुबह 11:43 से शुरू होकर अगले 3 मिनट तक रही, इस खगोलीय घटना को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती हैं बल्कि इस घटना को देखने के लिए सिर्फ एक मामूली कागज का इस्तेमाल कर सकते हैं। कागज को समतल जमीन पर जिस प्रकार बोतल होती हैं, उसी तरह ऊर्ध्वाधर रूप में रखिये और इसी दौरान आप सूर्य की छाया की गति (Zero Shadow Day) का अध्ययन कर पाएंगे।

कब देखी जा सकती हैं ये अनूठी खगोलीय घटना

Zero Shadow Day

आपकी तो ऐश है अगर आपका जन्म शुक्रवार को हुआ है !

खगोल शास्त्र के विशेषज्ञों के अनुसार जब भी पृथ्वी सूर्य का चक्कर काटते हुए 23.5 डिग्री के कोण की तरफ झुकी होती हैं, ऐसे में सूर्य अपने स्थान से पृथ्वी की भूमध्य रेखा की 23.5° उत्तर से लेकर 23.5° दक्षिण तक होता हैं। इसी दौरान ऐसे सभी स्थान जिनका अक्षांश सूर्य और भूमध्य रेखा के बीच मे मौजूद कोण के समानांतर होता हैं तो ऐसे स्थानों में शून्य छाया दिन का अनुभव किया जाता हैं।

21 दिसंबर से लेकर 21 जून के मध्य उत्तर दिशा में कर्क रेखा और दक्षिण दिशा में मकर रेखा की ओर सूर्य की गतिमान होने की स्थिति में शून्य छाया दिवस (Zero Shadow Day) पड़ता हैं। ऐसे में दो दिनों के बीच पड़ने वाले कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य में आने वाले सभी स्थानों में विशेष दिनों में शून्य छाया दिवस यानी नो शैडो डे का अनुभव किया जाता हैं। कहा जा रहा हैं कि आज कटक में शून्य छाया दिवस को देखा गया हैं।