आखिर कोई भी जहाज तिब्बत के ऊपर से क्यों नहीं उड़ता ? | Why don’t Planes fly over Tibet
काफी लोगों के मन में एक ना एक बार यह सवाल तो ज़रुर आया होगा कि आखिर तिब्बत के ऊपर से हवाई जहाज़ क्यों नहीं उड़ते है? साथ ही जल्लाद फांसी देते समय कैदी के कानों में क्या शब्द बोलता है और सीमेंट को आखिर कैसे बनाया जाता है? आज हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही अजोबों गरीब और अविश्वसनीय फैक्ट्स के बारे में बात करने वाले है जिनके बारे में जानने के बाद भी आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन यह फैक्ट्स बिलकुल सच है| तो चलिए जानते है इन फैक्ट्स के बारे में –
केले के फल में बीज नहीं होते है, तो यह कैसे उगता है?
यह फैक्ट लगभग सभी लोगों के दिमाग में आया होगा कि आखिर केले में बीज नहीं होता है तो इसका पेड़ उगता कैसे है| इसका एक सीधा सा जवाब है और वह यह है कि केले के पेड़ में भी बीज होते है| केले के बीज फल के अंदर ना होकर, बल्कि पेड़ के नीचे होते है| जिसे किसान निकाल कर फिर से नये पौधे उगा देते है| इन बीजों की संख्या 3 से 4 हो सकती है|
फैक्ट 2 : वैज्ञानिक 2 ग्रहों के बीच की दूरी को आखिर कैसे मापते है?
यह काम वैज्ञानिक रेडार के जरिये करते है| वैज्ञानिक पृथ्वी से सूर्य की दूरी या बाकी दूसरे गृह की दूरी को मापने के लिए रेडार से एक सिग्नल भेजते है| यह सिग्नल लाईट की स्पीड से काम करता है इसलिए सिग्नल को किसी निश्चित स्थान पर जाकर फिर से लौटने में कितना समय लगता है इस हिसाब से किसी गृह की दूरी को मापा जाता है|
फैक्ट 3 : तिब्बत के ऊपर से हवाई जहाज़ क्यों नहीं उड़ता है?
यह सवाल लगभग सभी लोगों के मन में पाया जाता है| तिब्बत, चीन के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित होता है| तिब्बत को पठार का घर माना जाता है| सबसे ऊंचा पर्वत हिमालय भी यहीं पर मौजूद है| सामान्य रूप से हवाई जहाज़ को 8000 मीटर से ऊपर उड़ान भरने के निर्देश नहीं दिए जाते है और तिब्बत में 8000 मीटर से भी ऊँचे पर्वत मौजूद है जिस वजह से तिब्बत के ऊपर से हवाई जहाज़ के उड़ान भरने की सलाह नहीं दी जाती है|
फैक्ट 4 : सीमेंट को कैसे बनाया जाता है?
हमारे लगभग सभी घर सीमेंट के बनाये जाते है, लेकिन क्या आप जानते है स्सीमेंट बनाने के लिए किस चीज का उपयोग किया जाता है? सीमेंट को सिलिकन, लोहा, केल्शियम और अल्युमिनियम के मिश्रण को मिक्स करके बनाया जाता है| इस केमिकल के मिश्रण को गर्म कर के पाउडर में बदला जाता है, जिसे हम सीमेंट कहते है|
फैक्ट 5 : फांसी देने से पहले जल्लाद कैदी के कानों में क्या कहता है?
अक्सर फांसी देने से पहले जल्लाद कैदी के कानों में कुछ शब्द कहता है| यह शब्द होता है “मुझे माफ़ कर दो, मैं मजबूर हूँ” इसके अलावा जल्लाद कैदी के कानों में कुछ और शब्द भी बोलता है| अगर कैदी हिन्दू धर्म का मानने वाला है तो जल्लाद उसके कानों में “राम राम” बोलता है और अगर कैदी मुस्लिम धर्म को मानने वाला होता है तो जल्लाद उसके कानों में “आखिरी सलाम या खुदा हाफ़िज़ कहता है”|