वर्षों बाद बन रहा शुभ संयोग, भद्रा मुक्त होगी यह होलिका, चमक उठेगी किस्मत, बस जान लीजिये सही तरीका
होलिका दहन करते समय उसकी अग्नि में लकड़ियां, गाय के गोबर के उपले, हवन सामग्री और गाय का घी चढ़ाना काफी शुभ माना जाता हैं, पुराणों और शास्त्रों के अनुसार होली के दिन शराब और मांस का उपयोग नहीं करना चाहिए। होलिका की राख को काफी शुभ और पवित्र माना जाता हैं और शास्त्रों में यह भी बताया गया हैं कि होलिका की राख में देवताओं का आशीर्वाद होता हैं। किस्मत को चमकाने के लिए माथे पर होलिका की राख को लगाना चाहिए। होलिका की राख से बुद्धि भी बढ़ती हैं, यह भी कहा जाता हैं कि होलिका की राख को घर मे छिड़कने से घर मे सकारात्मक ऊर्जा भी आती हैं।
क्यों किया जाता हैं होलिका दहन
जैसाकि हम सब जानते हैं कि बहुत समय पहले राजा हिरण्यकश्यप हुआ करते थे और वो काफी अत्याचारी थे, उन्हें भगवान विष्णु से बहुत नफरत थी इसी वजह से उन्होंने अपनी प्रजा को भी श्री विष्णु की पूजा करने से मना कर दिया था परंतु उनका पुत्र प्रहलाद भगवान श्री विष्णु का परम भक्त था। राजा ने अपने पुत्र को मरवाने की कई असफल चेष्टा की और अंत मे उसने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने को कहा। परंतु भगवान की कृपा से प्रहलाद को कुछ नही हुआ और होलिका जिसे अग्नि में ना जलने का वरदान था वो जल कर मर गयी, इसी वजह से उस दिन से होलिका दहन मनाया जाने लगा और हर वर्ष होलिका दहन पर बुराई और पाप को अग्नि में जला दिया जाता हैं।
भद्रा मुक्त होली चमकाएगी किस्मत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर वर्ष होलिका दहन भद्रा काल मे होती हैं लेकिन इस बार काफी सालों बाद होलिका दहन भद्र काल से मुक्त रहेगा। बताया जा रहा हैं कि इस साल होलिका दहन का समय शाम 6 बजे के बाद हैं और भद्रा काल दोपहर 1:30 पर समाप्त हो जाएगा। कहा जाता हैं कि शनि और राहु भद्रा काल के स्वामी हैं इसी वजह से इस काल मे किये गए किसी भी शुभ कार्य का फल नही मिलता।
यह भी पढ़ें : Holika Dahan 2020: दूर कर लें असमंजस, शुभ कामों पर नहीं लगेगा होलाष्टक का ‘ग्रहण’
ज्योतिष शास्त्र में यह बताया गया हैं कि हर तारीख दो भागों में बटी होती हैं पहले भाग में सप्तमी और चतुर्दशी होती हैं जबकि दूसरे भाग में तृतीया और दशमी तिथि होती हैं। इस वर्ष होलिका दहन 9 मार्च को हैं, होलिका दहन का शुभ मुहुर्त 6:22 पर शुरू होगा और 8:49 तक रहेगा जबकि भद्रा पूंछा में शुभ समय 9:50 से शुरू होगा और 10:51 तक चलेगा और भद्रा मुखा का शुभ मुहूर्त 10:51 से शुरू होगा और 12:32 पर खत्म होगा।