Shani Pradosh Vrat 2019 : आज है शनि प्रदोष व्रत, ऐसे करेंगे पूजा तो प्रसन्न होंगे महादेव
प्रदोष व्रत भगवान शिव की साधना और आराधना के लिए बड़ा ही फलदायी होता हैं, यह व्रत प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी वाले दिन किया जाता है और जब यह व्रत शनिवार को पड़ता है तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है| दरअसल शनिवार के दिन इस व्रत को पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता हैं| प्रदोष काल में की जाने वाली आराधना, व्रत एवं पूजन को प्रदोष व्रत या अनुष्ठान भी कहा जाता हैं|
ज्योतिषशास्त्रियों के मुताबिक इस साल पौष शुक्ल त्रयोदशी 18 जनवरी को सिर्फ आठ मिनट के लिए हैं अर्थात त्रयोदशी रात 8:23 मिनट से 8:31 मिनट तक ही है लेकिन 19 जनवरी को पूरे दिन सूर्योदय से प्रदोषकाल से कुछ पूर्व ही समाप्त हो रही है। इसलिए शुक्ल प्रदोषकाल दूसरे दिन यानि 19 जनवरी को ही माना जायेगा|
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शनि प्रदोष व्रत का पौराणिक महत्व
ऐसी मान्यता हैं कि प्रदोषकाल में भगवान शिव कैलास पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं और इस पावन तिथि पर भगवान शिव की पूजा की जाए तो वो बहुत ही जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देते हैं। धर्म और मोक्ष से जोड़ने वाले, अर्थ और काम से मुक्त करने वाले इस व्रत को धार्मिक शास्त्रों में आरोग्य और लंबी आयु देने वाला माना गया हैं|
शनि प्रदोषम् व्रत विधि
इस व्रत को करने के लिए व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान और ध्यान करने के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिए। पूरे दिन व्रत रखने के पश्चात शाम को सूर्यास्त के बाद एक बार फिर से स्नान करना चाहिए और स्नान के पश्चात् भगवान शिव का विधि-विधान से पूजा-अर्चना करना चाहिए|
शनि प्रदोषम् व्रत का फल
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है और उसेक सभी दु:ख-दर्द दूर होता है| इतना ही नहीं व्यक्ति को अपने कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। बता दें कि प्रदोष व्रत में शिव संग शक्ति यानी माता पार्वती की भी पूजा की जाती है और माता पार्वती व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं|