200 साल बाद आयी ऐसी महाअमावस्या, जरा-सा सरसों का तेल रातोंरात चमका देगा किस्मत
15 मई को शनि जयंती हैं और इस मंगलवार को महाअमावस्या भी हैं जो की 205 साल बाद आ रहा हैं| यह महाअमावस्या मंगलवारी अमावस्या हैं, जिसमें शनिदेव का आधिपत्य हैं| शनिदेव हर मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव डालते हैं| माना जाता हैं की हर मनुष्य के जीवन में चार बार शनिदेव की साढ़ेसाती जरूर आती हैं और कोई भी मनुष्य चौथी बार की साढ़ेसाती नहीं देख पाता हैं और दो बार ढईया आती हैं| हर मनुष्य शनि के अच्छे और बुरे प्रभाव जरूर झेलते हैं।
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शनिदेव की पुजा रात में होता हैं| आप इस दिन व्रत भी रख सकते हैं| इस साल शनि धनु राशि में वक्री चल रहें हैं, पुराणों के अनुसार शनिदेव का जन्म सूर्य के स्वामित्व वाले नक्षत्र कृतिका में हुआ हैं। इसलिए इस दिन इनके जन्म मनाये जाने का विधान आता हैं। 15 मई मंगलवार के शनिदेव की जयंती हैं और शनि अपने जयंती के दिन हमेशा वक्री स्थिति में रहते हैं। मंगलवार के दिन होने के कारण हनुमान जी और मंगल देवता का उपासना करना लाभदायक होगा।
महाअमावस्या के दिन करे ये उपाय
(1) इस दिन काले चीजों का दान करे वो कोई भी चीज हो सकती हैं यानि काले कपड़े, छाता, अनाज इत्यादि का दान कर सकते हैं।
(2) इस दिन आप अपने घर के हर कोने की सफाई जरूर करें, इसके बाद सरसों के तेल का उपाय करना हैं। सफाई के बाद आप अपने घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दिया जलाए| दिया आटे का बनाए और उसमें एक बाती डाल कर सरसों का दीपक जलाए। आप देखेंगे की आपके घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी।
(3) आप अपने जूते-चप्पल भी दान कर सकते हैं इसके अलावा आप सरसो के तेल में अपना मुँह देखकर दान करें ये सभी अचूक उपाय हैं।
(4) पीपल के वृक्ष को सींच ले उसके बाद सरसो के तेल का दिया जला ले उसके बाद कच्चा सूत बांधते हुये पीपल के वृक्ष का सात बार परिक्रमा कर ले। अब कटोरी से भरी सरसों के तेल में अपना मुँह देख ले उसके बाद तेल में लौंग डाल ले अब उस तेल को पीपल के पेड़ को दान कर दे।
फिर वहाँ बैठ कर ॐ सम शनिश्चराय नमः मंत्र का जप करें हैं। फिर एक काले धागे को पीपल के वृक्ष में बांध दे अब उसमें तीन गांठ बांध दें। इस उपाय से नौकरी पेशा वाले लोगों के लिए विशेष लाभदायक हैं, यह उपाय शाम को ही करें, पर उसमें जल ना चढ़ाएँ।
(5) शनि जयंती के दिन बंदरो को भुने हुये चने खिलाएँ, इसके अलावा आप कुत्तों को मीठी रोटी पर तेल लगाकर खिलाएँ।
(6) यदि आप पर शनिदेव की अशुभ दशा चल रहीं हैं तो आप मांस-मदिरा का सेवन ना करें।
(7) आप एक लोहे का कटोरी ले लें अब उसमें सारसो का तेल ले अब उसमें अपना चेहरा देखे उसके बाद एक लौंग डाल कर उस तेल का दान कर दें, आप इस तेल को पीपल के पेड़ या शनि देवता के मंदिर में चढ़ा सकते हैं।